Ranchi: झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे) के छात्रों पर दर्ज मुकदमे को फर्जी बताते हुए ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने राज्य सरकार से केस वापस लेने की मांग की है. संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने निरसा विधानसभा क्षेत्र से भाकपा माले विधायक अरूप चटर्जी से मुलाकात की और इस दौरान झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम एक पत्र सौंपा. इसमें छात्रों पर की गई कार्रवाई को अनुचित बताया गया और कई मांगें की गईं. आइसा ने सभी छात्रों का जब्त किए गए मोबाइल वापस करने, पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता देने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की.
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घटना का विवरण
2 फरवरी को विश्वविद्यालय के शोधार्थी देवदास मंडल और पीजी जियोइन्फॉर्मेटिक्स की छात्रा ऐश्वर्या बसाक की एक निर्माणाधीन पुल के असुरक्षित डायवर्जन पर ट्रक चढ़ने से मौत हो गई थी. इस घटना के बाद विद्यार्थियों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया था, जिसमें उन्होंने दोषियों की गिरफ्तारी, पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता और विश्वविद्यालय परिसर के मार्गों को सुरक्षित बनाने की मांग की थी.
पुलिस ने की थी कार्रवाई
शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद पुलिस प्रशासन ने 7 फरवरी को मांडर थाना में 16 छात्रों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज कर दी और छात्रों से गैर कानूनी तरीके से उनके मोबाइल भी जब्त कर लिए.
आइसा के प्रतिनिधियों का कहना है कि यह मुकदमा बिना किसी ठोस जांच के दर्ज किया गया है और यह छात्रों की आवाज को दबाने की साजिश है. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ही उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं की जाती, तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.
मौके पर ये रहे मौजूद
आइसा झारखंड राज्य सचिव त्रिलोकीनाथ, आइसा एक्टिविस्ट मो. समी, सोनू कुमार, विजय कुमार और सीयूजे स्टूडेंट्स एक्टिविस्ट सत्येन महतो ने इस आंदोलन में भाग लिया.
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