New Delhi : सुप्रीम कोर्ट ने आज वकील सीआर जया सुकिन की उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति द्वारा नये संसद भवन का उद्घाटन कराये जाने को लेकर लोक सभा सचिवालय और भारत सरकार को निर्देश देने की मांग की थी. याचिका में कहा गया था कि उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को नहीं बुला कर केंद्र सरकार ने भारतीय संविधान का उल्लंघन किया है. संविधान का सम्मान नहीं किया जा रहा है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें

Supreme Court declines the PIL seeking a direction that the new Parliament building should be inaugurated by President Droupadi Murmu on 28th May. https://t.co/Cu8Z35TRza
— ANI (@ANI) May 26, 2023
आभार मानें कि हम आप पर जुर्माना नहीं लगा रहे हैं.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को फटकारा भी. कहा कि हम जानते हैं कि याचिका किसलिए दायर की गयी है? साथ ही कहा कि आप इस बात का आभार मानें कि हम आप पर जुर्माना नहीं लगा रहे हैं. याचिका में कहा गया था कि संसद भारत का सर्वोच्च विधायी निकाय है. भारतीय संसद में राष्ट्रपति और दो सदन (राज्यों की परिषद) राज्यसभा और जनता का सदन लोक सभा शामिल हैं. राष्ट्रपति के पास किसी भी सदन को बुलाने और सत्रावसान करने की शक्ति है. साथ ही संसद या लोकसभा को भंग करने की शक्ति भी राष्ट्रपति के पास है.

मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे
प्रधानमंत्री मोदी 28 मई को नये संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. इस मुद्दे पर सियासी तापमान चरम पर है. . विपक्षी दलों का कहना है कि देश की संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा किया जाना चाहिए, प्रधानमंत्री के हाथों नहीं.

