28 फरवरी तक ध्वस्त कर दिया जाये
तब भी अदालत ने कहा कि इन इमारतों को 28 फरवरी तक ध्वस्त कर दिया जाये. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की अदालत ने कहा कि जिन लोगों के होम लोन बाकी हैं, उन्हें बिल्डर कंपनी क्लियर करे. यही नहीं लोन क्लियर होने के बाद खरीददारों को 10 अप्रैल तक एनओसी दे. अदालत ने कहा कि 38 ग्राहकों ने उसके पास अर्जी दाखिल की है और इमारतों को गिराये जाने पर रिफंड की मांग की है. इससे पहले अदालत ने उन याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिनमें बीते साल अगस्त में उसकी ओर से इमारतों को गिराने के आदेश को बदलने की मांग की गई थी.कई फ्लैट बिना जरूरी मंजूरी के ही बनाने का आरोप
सुपरटेक की इन 40 मंजिला इमारतों के कई फ्लैट बिना जरूरी मंजूरी के ही बनाने का आरोप है. शीर्ष अदालत ने इमारतों को गिराने का आदेश देते हुए कहा था कि नोएडा प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित 2009 की मंजूरी योजना अवैध थी. इसमें न्यूनतम दूरी मानदंड का उल्लंघन किया गया था. इस योजना को फ्लैट खरीददारों की सहमति के बिना मंजूरी नहीं दी जा सकती थी, जो दी गई. इसे भी पढ़ें – राहुल">https://lagatar.in/congress-mlas-went-to-delhi-to-meet-rahul-anoop-singh-will-strengthen-the-party-in-mizoram-made-apro/">राहुलसे मिलने दिल्ली गए कांग्रेसी विधायक, मिजोरम में पार्टी को मजबूती देंगे अनूप सिंह, बनाये गए APRO [wpse_comments_template]

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