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हूल दिवस पर मजदूर-किसान एकता का प्रदर्शन, लेबर कोर्ड रद्द करने की उठी मांग

Ranchi :  राजधानी रांची में सिदो-कान्हू पार्क में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और स्वतंत्र फेडरेशनों के संयुक्त मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मजदूरों और किसानों ने एकजुट होकर सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध किया. कार्यक्रम में मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं की प्रतीकात्मक प्रतिलिपि को आग के हवाले किया गया. उपस्थित जनसमूह ने "लेबर कोड रद्द करो" और "मजदूर-किसान एकता ज़िंदाबाद" के नारे लगाए. वक्ताओं ने कहा कि आज भी सत्ता और पूंजी के गठजोड़ के खिलाफ मजदूरों और किसानों को एकजुट होने की जरूरत है.

 

 

 

 

नई औपनिवेशिक गुलामी थोपने का प्रयास 


वक्ताओं ने कहा कि श्रम संहिताएं मजदूरों को उनके ऐतिहासिक अधिकारों से वंचित कर रही हैं और पूंजीपतियों के मुनाफे को संरक्षण दे रही हैं. उन्होंने कहा कि यह एक नई औपनिवेशिक गुलामी थोपने का प्रयास है. कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि यह केवल कानून का दहन नहीं है, बल्कि एक व्यापक आंदोलन की चेतावनी है. उन्होंने 9 जुलाई को प्रस्तावित देशव्यापी मजदूर हड़ताल को सफल बनाने का संकल्प लिया. कार्यक्रम को एक्टू के शुभेंदु सेन, मोहन दत्ता, सीटू के अनिर्बान बोस, प्रतीक मिश्रा, एटक के सच्चिदानंद मिश्रा, किसान सभा के सुखनाथ लोहरा, बीरेंद्र कुमार, बेफी के केआर चौधरी ने संबोधित किया.

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