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कृषि कानून की वापसी पर देवघर कांग्रेस ने मनाया जश्न

देवघर : कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुन्नम संजय ने तीनों कृषि कानून की वापसी पर कहा कि देश की अहंकारी मोदी सरकार को आखिरकार अन्नदाता किसानों के सामने झुकना पड़ा. यह भाजपा की बहुत बड़ी शर्मनाक हार है. संविधान को बदलने वाले को प्रजातंत्र की शक्ति का जोरदार झटका लगा. अंततः एक वर्ष दो माह के लंबे संघर्ष एवं करीब सात सौ किसानों के बलिदान के बाद देश के 60 करोड़ किसानों की जीत हुई. इस लड़ाई में आंदोलनरत संयुक्त किसान मोर्चा के साथ देश के विपक्षी पार्टियों की भी जीत हुई है, जिन्होंने किसानों के आंदोलन में हर क्षण संघर्ष करते हुए सहयोग करने का काम किया. भाजपा की केंद्र सरकार चंद पूंजीपतियों के हित में काम करने वाली और देश की परिसंपत्तियों को बेचने वाली है. इस केंद्र सरकार ने दिल्ली में बैठे किसानों को आंदोलन जीवी कहा, उग्रवादी और आतंकवादी बताया, गुंडा बोला, उनकी राहों में कीलें गाड़ने का काम किया, गड्ढे खोदे, हर जुल्म किया. इसके बावजूद किसानों ने हार नहीं मानी और इस स्वार्थी और घमंडी मोदी सरकार को झुकना पड़ा. उप चुनाव में अपनी हार देखने के बाद किसानों की शक्ति के सामने नतमस्तक होना पड़ा, क्षमा मांगनी पड़ी. माफी तो मिलेगी लेकिन मोदी को सजा भी मिलेगी. सजा यह कि अब गद्दी जल्द ही छोड़नी पड़ेगी. अब किसानों को कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से निजात मिलेगी, मंडी आढ़तियों को फिर से आजादी मिलेगी, एमएसपी पर अपना अनाज बेचने का अधिकार जारी रहेगा. जो अधिकार कांग्रेस के शासन में किसानों को मिला था, अब वह बरकरार रहेगा. इसके लिए हम काफी उत्साहित हैं और इस आंदोलन में लगे सभी साथियों को जीत की बधाई और सहयोग के लिए धन्यवाद देता हूं. यह भी पढ़ें : किसानों">https://lagatar.in/farmers-satyagraha-compelled-center-return-agricultural-laws/">किसानों

के सत्याग्रह ने केंद्र को कृषि कानूनों की वापसी के लिए बाध्य किया [wpse_comments_template]

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