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देवघर : देवघर की लहठी, लाएगी स्वरोजगार की क्रांति

युवाओं को दिया जा रहा प्रशिक्षण, बैंक दे रही अनुदानित कर्ज
Deoghar : देवघर की बनी लहठी स्वरोजगार की क्रांति लाएगी. इसी सोच को अमलीजामा पहनाने के उद्देश्य से यहां लहठी निर्माण को गति दी जा रही है. वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट के तहत देवघर जिले का चयन लहठी निर्माण के लिए किया गया है. यहां के युवाओं को लहठी निर्माण का प्रशिक्षण देने के लिए कई स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. इन शिविरों में युवाओं को भोजन से लेकर प्रशिक्षण काल की छात्रवृति तक दी जा रही है.

हर साल देवघर में बिक जाती है 5 करोड़ की लहठी

[caption id="attachment_717633" align="aligncenter" width="272"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/08/Lahthi-1-272x181.jpg"

alt="" width="272" height="181" /> लहठी निर्माण में जुटे युवक[/caption] उल्लेखनीय है कि देवघर आने वाले लोखों श्रद्धालु यहां से प्रसाद के रुप में पेड़ा-चूड़ा के साथ चूड़ी-लहठी की खरीददारी करते हैं. अनुमानत: यहां प्रतिवर्ष 50 लाख श्रद्धालु आते हैं. यदि प्रति श्रद्धालु औसतन 10 रुपये भी लहठी की खरीद पर खर्च करता है तो साल में सालभर में 5 करोड़ रुपये की लहठी स्थानीय स्तर पर ही बिक जाती है. इसलिए यहां उत्पादित माल के बिकने की कोई चिंता नहीं है.

वन क्षेत्र से घिरा है देवघर, लाह की कमी नहीं

[caption id="attachment_717653" align="aligncenter" width="272"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/08/2222-1-272x181.jpg"

alt="" width="272" height="181" /> दुकान में लहठी दिखाती युवती[/caption] दूसरी ओर देवघर जिले के निकटवर्ती तमाम जिले वनों से आच्छादित हैं, ऐसे में यहां मुकम्मल तौर पर लाह की उपलब्धता भी है. देवघर से सटे गिरिडीह, दुमका, जामताड़ा, सिमुलतला, बांका, जमुई आदि में बड़े वन क्षेत्र हैं, जहां से लाह की आवक होती है. यही कारण है कि सरकार देवघर में लहठी उद्योग को बढ़ावा देकर स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने में जुटी है.

बैंक दे रही लोन, लगा रही जागरुकता शिविर

[caption id="attachment_717634" align="aligncenter" width="272"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/08/Lahthi-555-1-272x181.jpg"

alt="" width="272" height="181" /> बैेंक ने लगाया जागरुकता शिविर[/caption] सरकार की इसी योजना को सफल बनाने के उद्देश्य से नगर निगम अंतर्गत जून पोखर में 1 अगस्त को इनरव्हील क्लब व स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ओर से पीएमईजीपी और प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना को लेकर जागरूकता शिविर लगाया गया. इसमें बताया गया कि लाह-लहठी बनाने वालों को 40 से 50 हजार रुपए तक लोन को दिया जाएगा. इसमें जिसमें 25% की सब्सिडी भी दी जाएगी. बताया गया कि यहां की लाह-लहठी उद्योग को देशव्यापी बनाना है इसलिए बेरोजगार युवा इससे जुड़कर स्वावलंबी बनें. देवघर जिले के लिए यह एक अच्छा अवसर है. यह">https://lagatar.in/wp-admin/post.php?post=717057&action=edit">यह

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