Satna : मध्य प्रदेश के सतना जिले के शारदा शक्तिपीठ मैहर में उस वक्त 28 श्रद्धालुओं की जान हलक में अटक गई, जब तेज आंधी के बीच रोपवे की 7 ट्रॉलियां हवा में ही हिचकोले खाने लगीं. एक ट्रॉली में सिर्फ 4 लोगों के बैठने की इजाजत है. इसके हिसाब से सात ट्रॉलियों में करीब 28 लोग सवार थे.
आधे घंटे तक हवा में ही झूलते रहे
जानकारी के अनुसार, सतना के मैहर में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे थे. कई लोग रोपवे पर सवार थे. इसी बीच आंधी आ गई और ट्रॉलियों में सवार लोग आधे घंटे तक हवा में ही झूलते रहे. इस घटना ने हाल ही में झारखंड के देवघर में हुए रोपवे हादसे की याद ताजा कर दी. दामोदर रोपवे प्रबंधन ने किसी तरह ट्रॉलियों को धीरे-धीरे नीचे पहुंचाया और श्रद्धालुओं को उतारा.
झारखंड के देवघर में भी बीते माह हुआ था रोपवे हादसा
बता दें कि झारखंड के त्रिकूट में भी बीते माह रोपवे हादसा हो गया था. इसमें एनडीआरएफ और सेना को रेस्क्यू के लिए लगाना पड़ा था. इसमें 20 घंटे से ज्यादा समय तक 48 लोग हवा में अटके रहे थे. देवघर रोपवे हादसा दो ट्रॉलियों के आपस में टकराने के बाद हुआ था. रामनवमी पर यहां पूजा करने और घूमने के लिए सैकड़ों की संख्या में पर्यटक पहुंचे थे.
रेस्क्यू टीम को घंटों तक मशक्कत करनी पड़ी थी
रोपवे की एक ट्रॉली नीचे आ रही थी, जो ऊपर जा रही ट्रॉली से टकरा गई थी. इस हादसे में ट्रॉली में सवार लोग घायल हो गए थे. जब यह हादसा हुआ, उस वक्त करीब दो दर्जन ट्रॉलियां हवा में थीं. आनन-फानन में कई लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया था. इसके बाद रेस्क्यू टीम को घंटों तक मशक्कत करनी पड़ी थी.
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