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देवघर : मात्र 20 हजार कांवरियों ने किया जलार्पण

मलमास लगते ही गिरा कांवरियों का ग्राफ
Deoghar : मलमास प्रारंभ होते ही बाबा मंदिर में कांवरियों की ग्राफ गिरने लगा है. 18 जुलाई को लगभग 20 हजार बाहरी कांवरिया ही बाबा वैद्यनाथ पर जलार्पण करने मंदिर पहुंचे. इन कांवरियों ने निर्धारित रुट लाईन से लाकर मंदिर में लगे अरघा से बाबा पर जलार्पण कराया गया. दूसरी ओर कांवरिया पथ में भी श्रद्धालुओं की संख्या अचानक कम हो गई है. बताया जाता है कि मलमास के पहले दिन आने वालों में अधिकतर बंगाल के श्रद्धालु थे. उल्लेखनीय है कि 18 जुलाई से ही बंगला सावन शुरु हुआ है. इधर, कांवरियों की भीड़ कम होने से प्रशासन ने राहत की सांस ली है.

पंडा धर्मरक्षिणी सभा ने की अरघा हटाने की मांग

[caption id="attachment_703620" align="aligncenter" width="300"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/07/Leater-1-300x200.jpg"

alt="" width="300" height="200" /> पंडा धर्मरक्षिणी सभा की ओर से उपायुक्त को सौंपा गया पत्र[/caption] इधर, देवघर पंडा धर्मरक्षिणी सभा ने बाबा मंदिर में बाबा वैद्यनाथ के गर्भगृह के मुख्य द्वार पर प्रशासन की ओर से लगाए गए अरघा को हटाने की मांग की है. धर्मरक्षिणी के महामंत्री कार्तिकनाथ ठाकुर ने उपायुक्त सह प्रशासक बाबा वैद्यनाथ मंदिर को पत्र लिखकर कहा है कि सावन का प्रथम पक्ष खत्म होकर 18 जुलाई से सावन पुरुषोत्तम मास (मलमास ) प्रारम्भ हो गया है. इस माह में अधिकतर यात्री उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान आदि क्षेत्र से आते हैं. सदियों से चली आ रही परम्परा के अनुसार ये श्रद्धालु रोट, चना दाल, हलवा आदि बाबा पर अर्पित करने के बाद ही अन्न-जल ग्रहण करते हैं. कार्तिकनाथ ठाकुर ने पत्र में लिखा है कि मंदिर के गर्भगृह लगे अरघा के कारण बाबा पर ये वस्तुएं अर्पित करना सम्भव नहीं है. उन्होंने उपायुक्त से मांग की है कि तत्काल अरघा हटाकर श्रद्धालुओं को परम्परानुसार बाबा वैद्यनाथ की पूजा की सुविधा प्रदान किया जाए. यह">https://lagatar.in/wp-admin/post.php?post=702494&action=edit">यह

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