Deoghar : बाबा मंदिर से रोजाना निकलने वाले नीर का उपयोग अब लोगों की प्यास बुझाने में होगा. प्रशासन की ओर से ऐसी तकनीक खोज ली गई है. नीर की रिसाइक्लिंग के लिए तैयारी की जा रही है. जिला प्रशासन और मंदिर प्रबंधन ने तैयारी को अमली जामा पहनाने का काम शुरू कर दिया है. बाबा मंदिर में हर दिन हजारों लीटर नीर बहकर बर्बाद होता है. अब इस बर्बादी को रोका जाएगा. संबंधित विभाग की ओर से वृहद पैमाने पर काम शुरू हो चुका है. देवघर के मानसरोवर तालाब इलाके में ओवरब्रिज के समीप एक हजार वर्ग फीट में खुदाई कर तालाब बनाया जा रहा है. इस तालाब में नीर से बेलपत्र, अक्षत, दूध, दही और अन्य पूजन सामग्री को रिसाइक्लिंग के जरिये अलग कर दिया जाएगा तथा बचे नीर को मानसरोवर तालाब में छोड़ दिया जाएगा. नीर से पूजन सामग्री अलग कर दिए जाने पर उसमें सड़ांध पैदा नहीं होगी तथा मानसरोवर तालाब के जल में भी इजाफा होगा. आसपास के क्षेत्रों में नीर के जल का इस्तेमाल भी किया जा सकेगा. यह">https://lagatar.in/wp-admin/post.php?post=272793&action=edit">यह
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देवघर : बाबा मंदिर से निकलने वाले नीर से अब बुझेगी लोगों की प्यास

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