New Delhi : उप सेना प्रमुख (क्षमता विकास एवं संधारण) लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने फिक्की द्वारा आयोजित न्यू एज मिलिट्री टेक्नोलॉजीज कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा कि पूरे अभियान के दौरान वायु रक्षा और उसका संचालन किस तरह किया गया, यह महत्वपूर्ण था. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस युद्ध में अग्रिम मोर्चे पर था. चीन हर संभव सहायता प्रदान कर रहा था. पाकिस्तान के पास 81फीसदी सैन्य हार्डवेयर चीनी है.
#WATCH | Delhi: At the event 'New Age Military Technologies' organised by FICCI, Deputy Chief of Army Staff (Capability Development & Sustenance), Lt Gen Rahul R Singh says, "Air defence and how it panned out during the entire operation was important... This time, our population… pic.twitter.com/uF2uXo7yJm
— ANI (@ANI) July 4, 2025
लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि चीन अपने हथियारों का परीक्षण अन्य हथियारों के विरुद्ध करने में सक्षम है. यह उनके लिए एक जीवंत प्रयोगशाला थी. तुर्की ने भी पाकिस्तान को इस प्रकार की सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
उप सेना प्रमुख के अनुसार जब डीजीएमओ (पाकिस्तान के साथ) स्तर की वार्ता चल रही थी, तो पाकिस्तान को चीन से हमारे महत्वपूर्ण वेक्टरों के बारे में लाइव अपडेट मिल रहे थे. हमें इस दिशा में तेजी से काम करना होगा. जहां तक इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर की बात है.
हमें हमारे एयर डिफेंस सिस्टम को और मजबूत करना होगा.
उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने कहा कि हमारे पास इजरायल की तरह आयरन डोम नहीं है. उस तरह की लग्जरी हमारे पास नहीं है क्योंकि हमारा देश बहुत बड़ा है . इन चीजों में बहुत पैसा लगता है. हमें भविष्य की तैयारी करनी होगी,
न्यू एज मिलिट्री टेक्नोलॉजीज कार्यक्रम में लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से कुछ सबक मिले हैं. नेतृत्व द्वारा दिया गया रणनीतिक संदेश स्पष्ट था. उन्होने कहा कि कुछ साल पहले की तरह हमारे पास दर्द सहने की कोई गुंजाइश नहीं है. हमने कुल 21 लक्ष्यों की पहचान की, जिनमें से नौ लक्ष्यों पर हमने सोचा कि उन्हें निशाना बनाना समझदारी होगी. यह हमने किया.
उन्होंने संघर्ष विराम को लेकर कही कि जब हम किसी सैन्य उद्देश्य पर पहुंचते हैं, तो हमें इसे रोकने की कोशिश करनी चाहिए. युद्ध शुरू करना आसान है, लेकिन इसे नियंत्रित करना बहुत मुश्किल है. इसलिए मैं कहूंगा कि यह एक बहुत ही शानदार कदम था. जो उचित समय पर युद्ध को रोकने के लिए उठाया गया.
बता दें कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम अटैक के जवाब में भारतीय सेना ने 7 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया. भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को तहत नहस कर दिया था.
ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाकर पाकिस्तानी सेना ने भारत के सैन्य और नागरिक ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की थी, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया था. चार दिन तक चले सैन्य टकराव के बाद 10 मई को भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम हो गया.