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डेरा प्रमुख को हार्ड कोर क्रिमिनल की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता
महाधिवक्ता ने 25 जनवरी को अपनी राय में कहा था कि डेरा प्रमुख को हरियाणा गुड कंडक्ट प्रिजनर्स (अस्थायी रिहाई) अधिनियम के तहत हार्ड कोर क्रिमिनल की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता. एजी के अनुसार, डेरा प्रमुख को इन हत्याओं के लिए अपने सह-अभियुक्तों के साथ आपराधिक साजिश रचने के लिए ही दोषी ठहराया गया है, वास्तविक हत्याओं के लिए नहीं . रिकार्ड के अनुसार, डेरा प्रमुख ने अपनी बीमार मां के इलाज और अपने परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए 42 दिनों की पैरोल पर रिहा होने के लिए पहली बार 17 जनवरी को आवेदन किया था. इसे भी पढ़ें : पेगासस">https://lagatar.in/pegasus-espionage-controversy-committee-submitted-interim-report-to-supreme-court-review-of-report-possible-on-february-23/">पेगाससजासूसी विवाद : विशेषज्ञों की समिति ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी अंतरिम रिपोर्ट, 23 फरवरी को रिपोर्ट की समीक्षा संभव
रोहतक के आयुक्त को डेरा प्रमुख की फरलों पर अनापत्ति दे दी
आवेदन जेल अधीक्षक ने डीजीपी (जेल) को भेजा था. डीजीपी ने इसे अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को भेज दिया था. इसे कानूनी राय के लिए महाधिवक्ता हरियाणा के पास भेजा गया, एजी की राय के बाद कि वह हार्ड कोर क्रिमिनल की श्रेणी में नहीं आता है. जानकारी के अनुसार 31 जनवरी को डेरा प्रमुख ने गुरुग्राम में रहने वाले अपने परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए फरलो पर रिहाई के लिए एक और आवेदन दिया. हार्ड कोर क्रिमिनल नहीं होने व डेरा प्रमुख द्वारा कारावास की सजा की अवधि के दौरान जेल में कोई अपराध न करने के सभी प्रासंगिक कारणों को देखते हुए जेल अधीक्षक ने उसकी रिहाई की प्रक्रिया शुरू की. इसे भी पढ़ें : Russia-Ukraine">https://lagatar.in/russia-ukraine-dispute-russia-recognized-the-two-rebel-areas-of-ukraine-as-separate-countries-indias-emphasis-on-diplomatic-talks-in-unsc-meeting/">Russia-Ukrainedispute : रूस ने यूक्रेन के दो विद्रोही को अलग देश के रूप में मान्यता दी, UNSC की बैठक में भारत का राजनयिक बातचीत पर जोर

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