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जिला प्रशासन की चेतावनी के बाद भी प्रशिक्षण केंद्र निर्माण का विरोध करने जुटे सैकड़ों आदिवासी

Jamshedpur : एमजीएम थाना अंतर्गत एनएच 33 से सटे काशीडीह मौजा में निर्माणाधीन भारी वाहन चालक प्रशिक्षण केन्द्र को अविलंब रद्द करने की मांग माझी परगना महाल और ग्रामसभा ने की. उपरोक्त संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को नारगा फुटबाल मैदान में जन आक्रोश महासभा आयोजित की गई. बिरसा मुंडा की ऐतिहासिक लड़ाई उलगुलान दिवस के अवसर पर आयोजित इस महासभा में आरोप लगाया गया कि केन्द्र और झारखंड सरकार इस योजना को ग्रामसभा की सहमति के बिना लागू कर रही है. धाड़ दिशोम के देश परगना बैजू मुर्मू ने कहा कि भारी वाहन चालक प्रशिक्षण केन्द्र पेसा कानून और भूमि अधिग्रहण अधिनियम 13 के प्रावधानों के विरुद्ध है. इस निर्माण योजना को तुरंत रद्द किया जाना चाहिए. हालांकि जिला प्रशासन ने शनिवार को नोटिस जारी कर कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए सभा नहीं करने की चेतावनी दी थी.

उपायुक्त को हटाने और आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की मांग

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alt="" width="300" height="146" /> आदिवासी नेता कुमार चंद्र मार्डी ने राज्य सरकार से अनुरोध किया कि आदिवासी विरोधी उपायुक्त सूरज कुमार को इस जिला से हटाकर गैर अनुसूचित जिले में भेजा जाए. उन्होंने उपायुक्त पर संवैधानिक प्रावधानों के उल्लंघन के लिए आपराधिक केस दर्ज करने की मांग की. डेमका सोय ने जिला प्रशासन पर टाटा मोटर्स के हित में इस केन्द्र के निर्माण का आरोप लगाया है. महासभा को कई वक्ताओं ने संबोधित किया.

महासभा में कई प्रस्ताव हुए पारित

ग्रामसभा का उल्लघंन करना बंद करने, पांचवीं अनुसूची क्षेत्रों में नगर निकायों का गठन अवैध, पांचवीं अनुसूची क्षेत्रों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नहीं कराने, ग्रामसभा को सशक्त कर छठे शिड्यूल वाले क्षेत्र की तर्ज पर विकास के लिए नियमावली बनाने, झारखंड में अंतिम सर्वे सेटलमेंट के आधार पर स्थानीयता नीति व नियोजन नीति बनाए. संथाली भाषा आठवीं अनुसूची में शामिल है. इसे झारखंड में हिन्दी के साथ प्रथम राजभाषा का दर्जा दिया जाए. लैंड पुल कानून के तहत सीएनटी-एसपीटी कानून का उल्लंघन बंद करें. लैंड पुल एवं लैंड बैंक दोनों को निरस्त करें. जेएसएससी की नियुक्ति में क्षेत्रीय भाषा के रूप में शामिल मगही, अंगिका भोजपुरी आदि को अविलंब हटाया जाए. झारखंड राज्य की विकास में आदिवासी समाज की अहम भूमिका हो. ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल में आदिवासी पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के 50 प्रतिशत अगुवा को शामिल करने, झारखंडी पारंपरिक धरोहर वैदिक संपदा को सुरक्षा देने की मांग की गई. संवैधानिक प्रावधान के अंतर्गत पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में शक्ति अधिकार लागू करने, आगामी जनगणना में सरना धर्म कोड अंकित करने और भूमि अधिग्रहण संशोधन कानून 2018 को अविलंब रद्द करने की मांग की गई है.

देश परगना सहित चार पर नामजद एवं सैकड़ों अज्ञात केस

भारी वाहन चालक प्रशिक्षण केन्द्र के विरोध में आयोजित ग्रामसभा के आयोजनकर्ता माझी परगना महाल के कई लोगों के खिलाफ नामजद और सैकड़ों अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई. मानगो अंचल के सीओ सह इंसिडेंट कमांडर हरीशचंद्र मुंडा ने प्राथमिकी दर्ज कराई है. इसमें आपदा प्रबंधन अधिनयम के तहत कोविड-19 नियमों का उल्लंघन का आरोप लगाया गया है. आरोपियों में धाड़ दिशोम के देश परगना बैजू मुर्मू, डेमका सोय, जैकब किस्कू और बंगाल सोरेन को नामजद किया गया है. [wpse_comments_template]

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