राणा को लाने में झारखंड कैडर के आइपीएस आशीष बत्रा और जया राय की बड़ी भूमिका
जमीन पर कब्जा का विरोध कर रहे थे अनिल टाइगर
एसएसपी ने बताया कि पुलिस की जांच में पता चला है कि 10 एकड़ जमीन पर देवव्रत नाथ शाहदेव के द्वारा कब्जा किया जा रहा था. ग्रामीण इसका विरोध कर रहे थे और भाजपा नेता अनिल टाइगर ग्रामीणों का सहयोग से कर रहे थे.
इसके बाद देवव्रत नाथ शाहदेव ने उक्त भूमि के केयर टेकर दिलीप कुमार मुंडा से कांके थाना में अनिल महतो सहित आठ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी (कांड संख्या-215/2023 ) दर्ज कराया था. प्राथमिकी में 40-50 अज्ञात लोगों को भी अभियुक्त बनाया गया था. सभी पर मारपीट, तोड़फोड़ करने और रंगदारी की मांगने का आरोप लगाया गया था. इस घटना के बाद भी कई बार देवव्रत नाथ शाहदेव ने अपने सहयोगियों के माध्यम से उस जमीन पर दखल-कब्जा करने एवं बिक्री करने का प्रयास किया. परंतु मृतक अनिल महतो ने देवव्रत नाथ शाहदेव का लगातार विरोध किया, जिसके परिमाणस्वरूप देवव्रत नाथ शाहदेव के द्वारा उस भूमि पर न तो कब्जा किया जा सका और न ही उसकी बिक्री की जा सकी.इस दौरान देवव्रत नाथ शाहदेव और अनिल महतो उर्फ अनिल टाइगर के बीच कई बार वार्ता हुई, जो विफल रही. वार्ता के दौरान ही वर्ष-2023 के अगस्त माह में देवव्रत नाथ शाहदेव द्वारा उक्त भूमि पर चाहरदिवारी का निर्माण कर जबरन दखल कब्जा किया जा रहा था. अनिल टाइगर ने ग्रामीणों के सहयोग से देवव्रत नाथ शाहदेव को जमीन कब्जा करने से रोक दिया था.
देवव्रत नाथ शाहदेव ने तान दिया पिस्टल
दिसंबर 2023 में देवव्रत नाथ शाहदेव के पक्ष में हरमू निवासी विनोद पासवान नाम के व्यक्ति ने और अनिल टाइगर से विवाद को खत्म करने के लिए अपने घऱ पर बैठक करायी. जहां अनिल महतो ने प्रति डिसमील 50 हजार की दर से 4.5 करोड़ रूपये की मांग की. साथ ही कहा कि पैसे नहीं मिलने पर जमीन कब्जा व बिक्री का विरोध करते रहेंगे. बैठक के दौरान ही देवव्रत नाथ शाहदेव और मृतक अनिल टाइगर के बीच समझौता नहीं हो पाने के कारण कहासुनी हुई. इसके बाद देवव्रत नाथ शाहदेव ने अनिल महतों को धमकी देते हुए उनपर पिस्टल तान दिया.सांसद मद से रोड बनाने की थी तैयारी
विनोद पासवान के घऱ पर वार्ता के विफल होने के बाद देवव्रत नाथ शाहदेव ने विवादित जमीन पर पालकोट हाउस रोड नामक एप्रोच रोड सासंद मद से बनाने की तैयारी की. इसकी जानकारी मिलने पर अनिल टाइगर ने सांसद से मिल कर जमीन के बारे में जानकारी दी थी. एसएसपी ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया कि जब सासंद शिलान्यास के लिए गाड़ी खटंगा गांव तक आए तो फिर से अनिल टाईगर के द्वारा इस शिलान्यास का विरोध किया गया, तब उन्होंने शिलान्यास कार्यक्रम रद्द करते हुए वापस लौट गये. जमीन पर दखल-कब्जा नहीं होने और उसकी बिक्री नहीं हो पाने के कारण देवव्रत शाहदेव को आर्थिक नुकसान हो रहा था. इसी वजह से देवव्रत नाथ शाहदेव ने अनिल टाइगर को रास्ते से हटाने के लिए उनकी हत्या करने की योजना बनायी. शूटर अमन को अभिषेक ने कहा अनिल टाइगर की हत्या से कैसे लोहरदगा घटना का हो जाएगा समाधान अभिषेक सिन्हा ने अपराधी अमन सिंह को अनिल टाइगर की हत्या करने की सुपारी देने के दौरान कहा था, कि लोहरदगा में अपराधी सुभाष जायसवाल की जो हत्या हुई थी, उससे घटना का समाधान अनिल टाइगर के मरने के बाद हो जाएगा. इस वजह से सिर्फ दो लाख रुपया में ही अमन सिंह अनिल टाइगर की हत्या करने को तैयार हो गया था. वहीं दूसरी तरफ यह चर्चा है, कि जब यह जमीन विवादित थी, तो किस परिस्थिति में सांसद ने उस जमीन तक एप्रोच रोड बनाने का शिलान्यास किया था.alt="" width="600" height="400" /> इसे भी पढ़ें -आतंकी">https://lagatar.in/jharkhand-cadre-ips-ashish-batra-and-jaya-rai-played-a-big-role-in-bringing-terrorist-rana/">आतंकी
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