Lagatar Correspondent
Ranchi: झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह ने कहा है कि झारखंड में पहली बार सभी 14 सीटों पर हिंसा के बिना मतदान संपन्न हुआ है. राज्य में 3479 बूथ नक्सल प्रभावित हैं, जबकि 9460 संवेदनशील श्रेणी के. कहीं से भी किसी तरह की हिंसा नहीं हुई. चुनाव में 40 हजार जवानों को लगाया गया था. राज्य पुलिस के अलावा केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 200 कंपनियों को तैनात किया गया था. पहली बार 40 बुथों पर चुनाव संपन्न कराया गया. इससे पहले इन 40 बूथों पर मतदान नहीं हुए थे. उन्होंने चुनाव कार्य में लगे पुलिस के अधिकारियों व जवानों को बधाई दी.
डीजीपी ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि गुमला के 13, लोहरदगा के 14, चाईबासा के 126, लातेहार के 65 व गढ़वा के आठ बूथों पर हेलिकॉप्टर से जवानों व मतदानकर्मियों को पहुंचाया गया. अचार संहिता के दौरान 243 हथियार जब्त किया गया. 14,581 लाइसेंसी हथियार को जमा कराया गया और 2,052 हथियार का लाइसेंस रद्द किया गया. साथ ही जांच के दौरान पुलिस ने 84.52 करोड़ रुपया जब्त किया.
अपराधिक घटनाओं में आई कमी
डीजीपी ने कहा कि झारखंड में साल 2021 और 2022 की तुलना में साल 2023 में अपराधिक घटनाओं में कमी आई है. उन्होंने कहा कि हत्या, लूट, गृहभेदन, चोरी, फिरौती के लिए अपहरण, दुष्कर्म जैसी घटनाओं में साल 2021 और 2022 की तुलना में 2023 में कमी आई है.
- 10 सालों में चुनावों में कितनी हुई हिंसा
- – 24 अप्रैल 2014ः दुमका से चुनाव कार्य संपन्न करा कर लौट रहे चुनावकर्मियों पर नक्सलियों ने हमला कर पांच पुलिसकर्मी समेत आठ लोगों की हत्या कर दी थी.
- – साल 2014 के विधानसभा चुनाव में 10 नक्सल वारदातें हुई थीं. मुठभेड़ की चार, पुलिस पर हमले की एक, आगजनी की पांच घटना,
- – साल 2019 के लोकसभा चुनाव में माओवादियों ने पलामू और खरसावां में भाजपा के कार्यालय को उड़ा दिया था.
- – साल 2019 के विधानसभा चुनाव में चंदवा में तीन पुलिसकर्मियों पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया गया था.
रांची की विधि व्यवस्था की समीक्षा
डीजीपी ने राजधानी रांची की कानून व्यवस्था को बेहतर करने को लेकर समीक्षा बैठक की. बैठक में रांची जोन के आईजी, रेंज के डीआईजी, एसएसपी, सिटी एसपी, समेत अन्य पुलिस पदाधिकारी शामिल हुए. बैठक में थानों में लंबित मामलों, पिछले तीन साल में दर्ज मामलों के आंकड़े, संगठित अपराधियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई की समीक्षा की गई. इसके अलावा लंबित मामलों, गुमशुदा व्यक्तियों को लेकर दर्ज मामले, कुर्की जब्ती वारंट का निष्पादन की भी समीक्षा की गई. डीजीपी ने निर्देश दिया कि संगठित अपराध को खत्म करने के लिए कार्रवाई करें.
समीक्षा के दौरान डीजीपी ने रांची में हो रही चेन छिनतई, लूट व अन्य आपराधिक घटनाओं पर नाराजगी जताया. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जो घटनाएं हुई हैं, उसमें शामिल अपराधियों को गिरफ्तार करें. और यह सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसी घटनाएं ना हो. चुटिया थाना क्षेत्र के एक्सट्रीम बार में हुई गोलीकांड की घटना पर हुई कार्रवाई के बारे में डीजीपी ने जानकारी ली और रांची के सभी बार में कार्यरत बाउंसरों के आपराधिक इतिहास की जानकारी जुटाने का निर्देश दिाय. रात में पेट्रोलिंग पर विशेष ध्यान देने को कहा.