Ranchi : झारखंड पुलिस मुख्यालय ने आगामी दुर्गा पूजा त्यौहार को लेकर राज्य में सुरक्षा व्यवस्था और कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए आज एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है. डीजीपी अनुराग गुप्ता की अध्यक्षता में यह बैठक दोपहर चार बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की जाएगी. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दुर्गा पूजा का त्योहार पूरे राज्य में शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से संपन्न हो.
बैठक में इन प्रमुख बिंदुओं पर होगी चर्चा :
- त्योहार के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस द्वारा पहले से ही निवारक कार्रवाई की जाएगी.
- सभी लाइसेंसी और गैर-लाइसेंसी दुर्गा पूजा पंडालों का गहन सत्यापन किया जाएगा ताकि सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित हो सके.
- मूर्ति विसर्जन की तिथि और जुलूस के मार्गों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा.
- जुलूस के रास्तों में पड़ने वाले संवेदनशील स्थानों पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था तैनात की जाएगी.
- विसर्जन मार्ग पर पर्याप्त रोशनी और पब्लिक एड्रेस सिस्टम की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी.
- त्योहार के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एक संयुक्त नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा.
- आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की जाएगी ताकि त्वरित कार्रवाई हो सके.
- दुर्गा पूजा के दौरान पर्याप्त पुलिस बल और मजिस्ट्रेटों की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी.
- कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए होमगार्ड की भी मदद ली जाएगी.
- जिलों में दंगा-रोधी सुरक्षा उपकरणों और वाहनों, जैसे कि वाटर कैनन, की जांच और परीक्षण किया जाएगा.
- सुरक्षा बलों के लिए भोजन, आवास और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की भी व्यवस्था की जाएगी.
- लंबित वारंट और कुर्की के मामलों का निपटारा किया जाएगा.
- अवैध नशीले पदार्थों और शराब के खिलाफ विशेष छापेमारी अभियान चलाया जाएगा.
- शांति समिति की बैठकों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की जाएगी ताकि समुदाय के सहयोग से शांति व्यवस्था बनाए रखी जा सके.
- संवेदनशील धार्मिक स्थलों के आसपास सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे.
- भीड़भाड़ वाले इलाकों और जुलूस की ड्रोन से हवाई निगरानी और वीडियोग्राफी की जाएगी.
- डीजे और अन्य ध्वनि प्रणालियों द्वारा उत्तेजक गानों के उपयोग पर एक नीति निर्धारित की जाएगी, जिससे किसी भी तरह की सांप्रदायिक तनाव की स्थिति न उत्पन्न हो.
- पुराने सांप्रदायिक दंगों से संबंधित मामलों की समीक्षा की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.
- जुलूस के दौरान किसी भी स्वास्थ्य आपात स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी
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