Ranchi: रांची जिला में खासकर शहरी क्षेत्र में जमीन माफियाओं के द्वारा जमीन के कागजातों का फर्जीवाडा कर और बलपूर्वक गलत तरीके से जमीन हड़पने का काम किया जा रहा है. ऐसे मामले की जांच करने को लेकर डीजीपी अनुराग गुप्ता ने सात सदस्यीय एसआईटी टीम का गठन किया है. एसआईटी टीम के साथ डीजीपी ने सोमवार को बैठक की, इस दौरान डीजीपी ने रांची एसएसपी को आदेश दिया कि जितने जमीन से संबंधित 144 के मामले हैं, यह सभी जानकारी जल्द से जल्द एसआईटी टीम को उपलब्ध कराया जाए. वही एसआईटी टीम को निर्देश दिया गया है कि जमीन हड़पने से संबंधित मामले की जांच तेजी से की जाए. पहले से इस टीम में सीआईडी के आईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल को अध्यक्ष बनाया गया है. इसके अलावा पटेल मयूर कन्हैयालाल, कार्तिक एस, संध्या रानी मेहता ऋषभ कुमार झा, अनुरंजन किस्पोट्टा और एएसपी दीपक कुमार को एसआईटी का सदस्य बनाया गया था.
एसआईटी टीम में जोड़े गए छह डीएसपी समेत आठ पुलिस पदाधिकारी
-डीएसपी बनारसी प्रसाद
-डीएसपी मनोज कुमार ठाकुर
-डीएसपी सुमनगिनी नाग
-डीएसपी तारामणि बाखला
-डीएसपी बहामन टूटी
-डीएसपी प्रदीप पॉल कच्छप
-एसआई चंद्रिका प्रसाद
-एएसआई पुंडरीक पति त्रिवेदी
दो सप्ताह के भीतर कार्य पूरा करने का निर्देश
प्रत्येक थाना में पिछले कुछ वर्षों में जमीन विवाद से संबंधित आईपीसी धारा 144 ( बीएनएनएस 163) के के तहत जितने भी मामले दर्ज किये गये हैं, उसकी गहन समीक्षा की जाएगी. हालांकि एसआईटी के द्वारा यह तय किया जाएगा कि किस थाना में किस वर्ष धारा 144 के मामले की समीक्षा की जाएगी. जारी आदेश में कहा गया है कि ऐसे कांडो की संख्या ज्यादा है. इसलिए रांची जिला से संबंधित थाना प्रभारी का दायित्व होगा कि वह पिछले कुछ जमीन विवाद से संबंधित दर्ज सभी मामलों की संपूर्ण सूची अपने-अपने क्षेत्र के डीएसपी को उपलब्ध करा देंगे और उसे क्षेत्र के डीएसपी उन जमीन विवाद की स्वयं ग्रहण जांच करते हुए एक रिपोर्ट एसआईटी के अध्यक्ष को समर्पित करेंगे. इसको लेकर रांची के सभी डीएसपी को सख्त आदेश दिया जाता है, कि आदेश प्राप्ति के दो सप्ताह के भीतर कार्य पूरा हो जाना चाहिए.
रांची एसएसपी को दिया गया कड़ा आदेश
डीजीपी द्वारा जारी आदेश में रांची एसएसपी से लेकर सभी एसपी, डीएसपी, थाना प्रभारी, टीओपी प्रभारी और विभिन्न ऑफिस में कार्यरत सभी कर्मियों को कड़ा निर्देश दिया जाता है, कि वह इस पूरे प्रकरण में एसआईटी का पूर्ण सहयोग करेंगे. उनके द्वारा जो भी जानकारियां, दस्तावेज और सूचनाओं की मांग की जाती है उसे त्वरित रूप से उपलब्ध कराएंगे. इस कार्य में किसी व्यक्ति के द्वारा शिथिलता बढ़ते जाने पर उसे पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
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