हर साल 400ढाकी पार्टी आते थे, इस बार संख्या आधी
[caption id="attachment_169346" align="aligncenter" width="169"]alt="" width="169" height="300" /> ढाकी बजाकर पूजा समिति वालों का ध्यान खींचने की कोशिश करता ढाकी वादक.[/caption] कोरोना को लेकर सरकारी गाइडलाइन के अनुरूप दुर्गोत्सव मनाया जा रहा है. ऐसे में ढाकी वादक पहले से स्थिति भांपकर यहां कम संख्या में आए हैं. दीघा रोड नारायणगंज के कालीपदो पात्रो कहते हैं कि हर साल 400 के लगभग जमशेदपुर में वादक आते थे. इस बार आधे ही पहुंचे हैं. दिन में लगभग 50 ढाकी वादक टीम विभिन्न दुर्गापूजा समितियों की ओर कूच कर गई हैं. यहां जितने भी हैं वे हर साल अच्छी कमाई कर लेते थे. इस बार उन्हें रोजगार के लाले पड़े हैं. कई पूजा समितियों ने एक ही ढाकी पार्टी को बुक कर उन्हें आधा-आधा बांट लिया है. गोलमुरी नेपाली सेवा समिति के महासचिव विजय दमाई ने बताया कि उन्होंने भी एक पूजा समिति के साथ ढाकी पार्टी को आठ हजार रुपए बुक किया. आधे लोग नेपाली सेवा समिति में ढाकी बजाएंगे और आधे लोग दूसरी पूजा समिति में ढाक बजाएंगे. दोनों पूजा समिति ने चार-चार हजार रुपए ढाकी पार्टी को देंगे.
25 हजार तक रेट, 7000की लगाई बोली
[caption id="attachment_169351" align="aligncenter" width="300"]alt="" width="300" height="169" /> टाटानगर स्टेशन पर सोए ढाकी वादक.[/caption] ढाकी वादकों की किसी टीम में पांच तो किसी टीम में दो वादक हैं. सबसे अधिक रेट 25 हजार रुपए तय किया गया है, लेकिन रात में स्टेशन आए पूजा कमेटी के सदस्य सात हजार तक बोली लगाकर उन्हें खींचने की कोशिश करते रहे. बता दें कि शहर में छोटी-बड़ी 350 पूजा समितियां हैं. इसके अलावा विभिन्न सोसायटी में भी दुर्गोत्सव की धूम रहती है.
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