Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चर्म रोग विभाग में इन दिनों हर रोज़ 20 से 25 मरीज़ सिर्फ़ चिकन पॉक्स के आ रहे हैं. विभाग में रोजाना 70 से 80 मरीज आते हैं, जिनमें चिकन पॉक्स के मरीजों की संख्या अधिक है. चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एसके मंडल का कहना है कि बारिश और मौसम में बदलाव समेत कई अन्य वजहों से चिकन पॉक्स के मामले तेजी से बढ़े हैं. शहर के अन्य सरकारी और निजी अस्पतालों में भी कमोबेश यही स्थिति है.
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में जाने से बचें : डॉ. ऋतुराज
महामारी रोग के विशेषज्ञ डॉक्टर ऋतुराज अग्रवाल ने बताया कि यह बीमारी तेजी से एक से दूसरे व्यक्ति में फैलती है. ऐसे में संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए. उन्होनें बताया कि चिकन पॉक्स का असर 15 से 20 दिनों तक रहता है. पूरे शरीर में, खासकर चेहरे पर पॉक्स निकल आते हैं. यह एक वायरस जनित रोग है. एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में हवा, थूक, छींक, म्यूकस, फुंसियों से निकलने वाले मवाद, कपड़े, बिस्तर आदि के संपर्क में आने से फैलता है. बच्चों में संक्रमण फुंसी या रैशेस आने के दो दिन पहले से ही शुरू हो जाता है. यह संक्रमण फुंसियों के सूखकर झड़ने तक रहता है. जब फुंसी सूख कर झड़ने लगते हैं, तब एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है. इससे ज्यादातर वैसे लोग संक्रमित हो रहे हैं, जिनमें शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता बेहद कम है.
ऐसे करें बीमारी से बचाव
चिकन पॉक्स होने पर लोगों के संपर्क में आने से बचें. साफ-सुथरे वातावरण में रहें. पौष्टिक आहार और शाकाहारी खाना का सेवन करें. शराब अथवा दूसरे मादक पदार्थों से बचें. हाथों और पैरों में ज्यादा फफोले होने पर इसे बाहरी चोट होने से बचाएं. अपने निकट के चिकित्सक की देखरेख में दवा लें और निगरानी में रहें.
जिला महामारी रोग नियंत्रण विभाग ने शुरू की निगरानी
धनबाद में चिकन पॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला महामारी रोग नियंत्रण विभाग ने भी पहल शुरू कर दी है. बीमारियों के आउट ब्रेक के इन्वेस्टिगेशन और उसकी रोकथाम के लिए जिला स्तरीय रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है. टीम में स्वास्थ्य अधिकारियों से लेकर खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी को भी रखा गया है. ताकि बीमारी फैलने के कारणों का पता लगा कर रोकथाम की दिशा में समेकित प्रयास सुनिश्चित किया जा सके. डॉक्टर ऋतुराज अग्रवाल ने बताया कि सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारियों को निर्देशित किया गया है. इसके अलावा सहियाओं के के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली किसी भी प्रकार बीमारी से निपटने के लिए पंचायत भवन में दवा की व्यवस्था की जाएगी. इसके साथ ही इसकी सूचना तुरंत टीम को दी जाएगी.
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