Search

धनबादः 6 एकड़ सरकारी जमीन, पंजी-टू में सरायकेला की कंपनी का नाम, गोविंदपुर CO से स्पष्टीकरण

Dhanbad: गोविंदपुर अंचल में सरकारी जमीन को बेचने-बांटने का नया खेल उजागर हुआ है. सरकारी जमीन को निजी संपत्ति में बदलने की साजिश पर धनबाद जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए अंचल अधिकारी (CO) गोविंदपुर से 24 घंटे के भीतर जवाब तलब किया है. सवाल सिर्फ यह नहीं है कि यह हेरफेर कैसे हुई, बल्कि यह भी है कि कौन-कौन इस गोरखधंधे में शामिल है और किसके इशारे पर यह खेल खेला जा रहा था? https://lagatar.in/wp-content/uploads/2025/03/9-23.jpg"

alt="" width="600" height="400" />

सरकारी जमीन को निजी बनाने की कोशिश किसकी मिलीभगत?

मामला मौजा-जियलगोरडा, मौजा नं. 243, प्लॉट संख्या-949 (5.95 एकड़) और 940 (5 डी.) से जुड़ा है. सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, यह जमीन अनाबाद बिहार सरकार के नाम दर्ज थी.
लेकिन जब झारभूमि पोर्टल की जांच हुई, तो सामने आया कि यह जमीन मेसर्स फाउंड्री फ्यूल प्रोडक्टस प्रा. लि., कांड्रा के नाम ऑनलाइन पंजी-II में दर्ज कर दी गई.
अब सवाल उठता है कि क्या सरकारी अफसरों की मिलीभगत से सरकारी जमीन को ‘रैयत’ में बदलकर किसी खास को फायदा पहुंचाने की कोशिश हो रही थी? क्या यह किसी भू-माफिया और अफसरों के गठजोड़ का नतीजा है? https://lagatar.in/wp-content/uploads/2025/03/11-18.jpg"

alt="" width="600" height="400" />

24 घंटे में दें जवाब या कार्रवाई तय

धनबाद अपर समाहर्ता विनोद कुमार ने सीधे गोविंदपुर अंचल अधिकारी को नोटिस देते हुए 24 घंटे में स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है.  पूछा गया है कि आखिर किन दस्तावेजों और प्रक्रियाओं के तहत सरकारी जमीन को निजी संपत्ति में तब्दील किया गया? साथ ही इस गड़बड़ी में राजस्व उपनिरीक्षक और अंचल निरीक्षक की भूमिका भी शक के घेरे में है.

अफसरों की मिलीभगत व करोड़ों का घोटाला

प्रशासन ने इस हेरफेर को सरकारी जमीन पर कब्जे की साजिश करार दिया है. इससे साफ है कि या तो अधिकारियों ने नाजायज फायदा उठाया है या फिर किसी रसूखदार को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों को दरकिनार किया गया. सवाल यह भी है कि अगर प्रशासन ने जांच नहीं की होती, तो यह करोड़ों की सरकारी जमीन रैयत के नाम पर लिख दी जाती और फाइलों में हमेशा के लिए गायब हो जाती.

कार्रवाई होगी या लीपापोती 

अब देखना यह है कि क्या प्रशासन इस जमीन घोटाले के लिए जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई करती है या फिर इस मामले की लीपापोती कर दी जायेगी.  धनबाद उपायुक्त को भी इस पूरे मामले की जानकारी दे दी गई है. इसे भी पढ़ें – ऑक्सफोर्ड">https://lagatar.in/opposition-to-mamta-banerjee-in-oxford-university-know-why/">ऑक्सफोर्ड

यूनिवर्सिटी में ममता बनर्जी को विरोध का सामना करना पड़ा,जाने क्यों…

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp