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धनबाद : नगर निगम में धूल फांक रही 758 करोड़ की योजना

योजना के बारे में अब अनभिज्ञता जता रहे निगम के अधिकारी

Dhanbad : धनबाद शहर में सिवरेज-ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त करने के लिए बनी 758 करोड़ की की योजना नगर निगम में धूल फांक रही है. पिछले 8 वर्षों में यह सर्वे, डीपीआर और स्टेक होल्डर की मीटिंग तक ही सिमकर रह गई है. नगर निगम में सिवरेज-ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त करने की योजना पहली बार वर्ष 2016 में बनी थी. अमृत योजना के तहत इस पर 400 करोड़ रुपए खर्च किए जाने थे, लेकिन काम नहीं हुआ. दूसरी बार 600 करोड़ की योजना बनी लेकिन व्यवस्था में बदलाव नहीं हुआ. तीसरी बार 758 करोड़ की योजना बनी है. लेकिन अभी तक डीपीआर भी फाइनल नहीं हुआ है. डीपीआर का काम कंसल्टेंट कंपनी देख रही है. इसी साल 16 जनवरी को स्टेक होल्डरों के साथ निगम के अधिकारियों की बैठक हुई थी, जिसमें कहा गया था की स्टेक होल्डर के सुझाव पीआर में शामिल कर स्वीकृति के लिए नगर विकास व आवास विभाग भेजा जाएगा. वहां से हरी झंडी मिलने के बाद टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. लेकिन इसके छह माह बीत जाने के बाद भी योजना को लेकर निगम में कोई सुगबुगाहट नहीं है. इसके पूर्व भी मामला नगर विकास में जाकर अटक चुका है. वहीं, दूसरी ओर निगम के अधिकारी इस योजना के बारे में अब अनभिज्ञता जताने लगे हैं.

दो फेज में होना है काम

सिवरेज प्रोजेक्ट का काम दो फेज में होना है. पहले फेज में एग्जिस्टिंग नाला से टैप के माध्यम से सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) में गंदा पानी पहुंचाया जायेगा. यहां गंदे पानी को साफ कर दामोदर नदी में गिराया जायेगा. वहीं दूसरे फेज में सिवरेज टैंक को पाइपलाइन से जोड़कर सीधे सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में मिलाया जायेगा. शहरी क्षेत्र के रामपुर, पंडराकिनारी, पेटिया, परसबनिया और ढागी में सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनने हैं.  इसके कार्यरूप लेने शहर में जल जमाव की समस्या से निजात मिलने के साथ ही प्रदूषण पर नियंत्रण में भी मदद मिलेगी. जुडको ओर एनजेएस कंपनी की देखरेख में काम पूरा होना है.

हर साल बरसात में बढ़ती है मुसीबत

शहर से निकलने वाले नालों का पानी अभी तालाबों व नदियों में सीधे प्रवेश करता है. लेकिन तालाब और नदी का अतिक्रमण होने से बारिश का पानी गली-मुहल्लो और सड़कों पर जमा हो जाता है. निगम ने इससे निजात पाने के लिए 2 करोड़ रुपए की सेक्शन मशीन भी खरीदी है, इसके बाद भी बारिश में जल जमाव में कोई कमी नहीं है. पठारी क्षेत्र होने के कारण ऊबड़-खाबड़ रास्ते में बने मकान और दुकानों में पानी घुस जाता है.

सर्वे व डीपीआर का काम पूरा

एनजेएस कंसलटेंट कंपनी के डीजीएम बाला अंकाईह  ने बताया कि सिविरेज-ड्रेनेज सिस्टम को लेकर सर्वे और डीपीआर का काम पूरा हो चुका है. इस महीना टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो सकती है. वैसे इसकी विस्तृत जानकारी जुडको के लोग ही दे सकते हैं. यह भी पढ़ें : धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-leaving-bjp-and-mass-dozens-of-workers-joined-jmm/">धनबाद

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