Dhanbad: वीरता के लिए अशोक-चक्र जैसे सर्वोच्च पदक से सम्मानित शहीद रणधीर वर्मा को स्थानीय रणधीर वर्मा चौक पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई. कोरोना महामारी के कारण जीवन की रफ्तार ऐसी थमी कि तीन दशकों के इतिहास मे पहली बार शहीद रणधीर वर्मा की शहादत दिवस पर संगीतमय श्रद्धांजलि सभा का आयोजन नहीं किया गया.
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आतंकियों से लोहा लेते शहीद हुए थे एसपी रणधीर वर्मा
3 जनवरी 1991 को बैंक ऑफ इंडिया के हीरापुर शाखा में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए धनबाद के एसपी रणधीर वर्मा शहीद हो गए थे. उनकी शहादत दिवस के मौके पर पत्नी रीता वर्मा, उपायुक्त, एसडीएम, सिटी एसपी, एसपी के अलावे जिले के तमाम अधिकारी और पुलिस पदाधिकारी ने सर्वप्रथम शहीद रणधीर वर्मा को गार्ड ऑफ ऑनर दिया. इसके बाद 2 मिनट का मौन रख कर और माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई.
रणधीर वर्मा प्रतिमा स्थल का होगा सुंदरीकरण
धनबाद के उपायुक्त उमाशंकर सिंह ने कहा कि रणधीर वर्मा की प्रतिमा स्थल का सुंदरीकरण किया जाएगा. जल्द ही इस पर काम शुरू हो जाएगा. प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है.
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श्यामल चक्रवर्ती को नहीं मिल पा रहा सम्मान
वहीं शहीद श्यामल चक्रवर्ती की प्रतिमा पर लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें भी याद किया. इस दौरान धनबाद के सांसद और विधायक, निरसा के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी, झरिया विधायक पूर्णिमा सिंह के साथ सैकड़ों लोगों ने उनकी प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित किया माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी.
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बोले सांसद,विधायक- श्यामल चक्रवर्ती को दिलाएंगे शहीद का दर्जा
वही लोगों ने कहा कि एक ओर जहां आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए रणधीर वर्मा को सम्मान दिया जाता है वहीं दूसरी ओर श्यामल चक्रवर्ती को सम्मान क्यों नहीं दिया जाता है. वही सांसद और विधायक ने कहा कि इनकी शहादत बेकार नहीं जाएगी और इनको भी हम लोग का शहीद का सम्मान दिलाएंगे.
उक्त घटना में एक आम नागरिक भी शहीद हुए थे. वह आइएसएम कर्मी श्यामल चक्रवर्ती थे. जिन्होंने राष्ट्रीय संपत्ति बैंक ऑफ इंडिया के खजाने को पंजाब के आतंकवादियों से बचाने के लिए पुलिस कप्तान रणधीर वर्मा के साथ साझी शहादत दी.
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