पर्यूषण महापर्व के नौवें दिन हुई उत्तम आकिंचन्य धर्म की पूजा
Dhanbad : पर्यूषण महापर्व के नौवें दिन 27 सितंबर को दिगंबर जैन समाज के लोगों ने उत्तम आकिंचन्य धर्म की पूजा की. सवर्प्रथम पुण्यार्जक सुशील, साधना बकलिवाल और भगवती देवी द्वारा भगवान का अभिषेक और शांतिधारा हुई. इसके बाद ग्वालियर से आये पंडित मुन्ना लाल ने आकिंचन्य धर्म के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि आत्मा का ध्यान करना ही आकिंचन्य है. यह धर्म आत्मा में श्रद्धा भाव उत्पन्न करता है. मनुष्य को यदि अपने आत्मस्वरूप का बोध हो जाए तो क्षण भर में वह उत्तम आकिंचन्य धर्म को धारण कर संसार के परिभ्रमण से मुक्त हो सकता है. उन्होंने कहा कि आकिंचन्य धर्म अपनाने से मनुष्य का कल्याण हो सकता है. आज के कार्यक्रम में मनीष शाह, मुकेश गंगवाल, बिनोद गंगवाक, मनीष झांझरी, संजय गोधा, बिनोद गोधा, चक्रेश जैन, तारा देवी जैन, रेणु जैन, शिल्पा जैन, उर्मिला गोधा, प्रीति जैन,सपना जैन आदि शामिल थे.