NIRAJ KUMAR Dhanbad : जिले में स्थित सभी 17 प्लस टू स्कूल प्राचार्य विहीन हैं. झारखंड बनने के बाद अब तक 23 वर्षों में किसी भी स्कूल में प्राचार्य पद पर नियुक्ति नहीं हुई है. इन 17 में से 14 प्लस टू स्कूलों में तो आज तक प्राचार्य पद का सृजन तक नहीं हुआ है. ऐसे में प्राचार्य विहीन इन प्लस टू स्कूलों में वर्ष 2023 से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की पूरी जिम्मेवारी सौंपें जाने को लेकर कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं. डीइओ भूतनाथ रजवार के अनुसार, जैक ने स्कूलों में सीटों की संख्या 384 से बढ़ाकर 3000 कर दी है, परंतु बिना प्राचार्य और शिक्षक के शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर संदेह पैदा होना लाजिमी है.
केवल तीन स्कूलों में प्राचार्य के पद सृजित
झरिया राज प्लस टू हाई स्कूल, एसएसएलएनटी बालिका प्लस टू हाई स्कूल, धनबाद और प्लस टू हाई स्कूल चिरकुंडा में प्राचार्य का पद सृजित है. लेकिन इन स्कूलों को भी आज तक प्राचार्य नहीं मिले हैं. बाकी 14 प्लस टू स्कूलों में हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक अथवा शिक्षक ही प्राचार्य का प्रभार लेकर विद्यालय संभाल रहे हैं.कई विषयों के शिक्षकों के पद सृजित नहीं
प्लस टू स्कूलों में सोशियोलॉजी, फिलॉसफी और पॉलिटिकल साइंस विषय के शिक्षकों के पद सृजित नहीं किए गए हैं. ऐसे में डिग्री कॉलेजों में पढ़ाई बंद होने के बाद प्लस टू स्कूलों में इन विषयों में नामांकन चाहने वाले विद्यार्थियों को परेशानी होगी. विशेषज्ञों की मानें तो इंटर स्तर पर इन विषयों की पढ़ाई नहीं होने का खामियाजा विद्यार्थियों को स्नातक स्तर पर इन विषयों को रखने पर उठाना होगा.सृजित पदों के अनुरूप शिक्षकों की कमी
जिले में 17 प्लस टू स्कूलों में एक यूनिट के शिक्षक के पद सृजित किए गए हैं. आर्ट्स में भूगोल, इतिहास और अर्थशास्त्र, साइंस में भौतिकी, रसायनशास्त्र, गणित और जीव विज्ञान के अलावा हिंदी अंग्रेजी, संस्कृत और कॉमर्स के एक-एक पद यानी कुल 11 पद सृजित हैं. इसके बावजूद कई स्कूलों में सृजित पदों के अनुरूप विषयवार शिक्षक नहीं हैं. एक यूनिट के अनुसार भी सभी स्कूल मिलाकर कुल 181 शिक्षक होने चाहिए थे लेकिन 17 स्कूलों में लगभग 100 शिक्षक ही हैं.एक यूनिट को बैठाने की भी जगह नहीं
आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स के एक-एक यूनिट में 128-128 विद्यार्थी की संख्या निर्धारित है. ऐसे में 11वीं और 12वीं को मिलाकर 768 विद्यार्थी एक यूनिट में नामांकित हो सकते हैं. इतने विद्यार्थियों के बैठने की जगह भी इन स्कूलों में नहीं है. परीक्षा या टेस्ट के समय एक-सेक्शन की छुट्टी देकर काम चलाया जाता है. ऐसे में इन स्कूलों को "जो आएगा, उसका नामांकन होगा" की तर्ज पर नामांकन लेने को कहा गया है. इधर, इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी भूतनाथ रजवार ने कहा कि नियुक्ति की प्रक्रिया राज्य स्तर पर होती है. जेपीएससी के द्वारा नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी. पद सृजन का भी मामला राज्यस्तरीय ही है. यह भी पढ़ें: धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-princes-henchmen-threatening-firing-at-businessmens-house/">धनबाद: प्रिंस के गुर्गे दे रहे धमकी, व्यवसायियों के घर हो रही गोलीबारी [wpse_comments_template]
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