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धनबाद : इसीएल प्रबंधन पर गड़बड़ी का आरोप, डीओ धारकों ने दी आंदोलन की चेतावनी

निरसा-चिरकुंडा कोल ट्रेडर्स एसोसिएशन ने प्रबंधन से नुकसान की भरपाई करने की मांग की Maithon : निरसा-चिरकुंडा कोल ट्रेडर्स एसोसिएशन ने 27 जून मंगलवार को कापासारा कार्यालय में बैठक कर इसीएल प्रबंधन के खिलाफ लड़ाई लड़ने की रणनीति बनाई. डीओ धारकों ने इसीएल मुगमा एरिया के सेल्स विभाग पर घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि खाता-बही में इसीएल के मुगमा क्षेत्र की सभी कोलियरियों में कोयले का फर्जी स्टॉक दिखाया जाता है. फर्जी स्टॉक दिखाकर हर माह हजारों टन कोयला डीओ को ऑफर दिया जाता है. डीओ धारक बैंक से पैसे लेकर डीओ लगाते हैं. लाखों रुपए इसीएल प्रबंधन को कोयला उठाव के पूर्व ही भुगतान कर दिया जाता है. लेकिन जब डीओ धारक कोयला लेने कोलियरी पहुंचते हैं तो कोयला नहीं मिलता है. उच्च श्रेणी का कोयला नहीं रहने की बात कहने पर डीओ धारक कोयला नहीं लेना चाहते, क्योंकि उन्होंने उच्च श्रेणी के कोयले की बुकिंग की होती है. हर कोलियरी में लगभग दस से पच्चीस हजार टन कोयले का ऑफर हर माह डीओ धारकों को दिया जाता है, लेकिन उठाव महज 800 टन से एक हजार टन ही हर माह हो पाता है. इससे डीओ धारकों का रुपया इसीएल प्रबंधन के पास रुक जाता है. कहा गया कि एक ओर इसीएल प्रबंधन डीओ धारकों को कोयला नहीं दे पाता है, वहीं दूसरी ओर समय पर कोयले का उठाव नहीं करने के एवज में उल्टा डीओ धारकों से प्रति टन 520 रुपए की कटौती कर ली जाती है. इससे डीओ धारकों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है. डीओ धारकों ने कहा कि जो गाड़ी कोयला उठाव के लिए कोलियरी पहुंचती है, वह आठ-दस दिन खड़ी रह जाती है, जिसका एक हजार रुपए प्रतिदिन अतिरिक्त भुगतान करना पड़ता है. इस बाबत डीओ धारकों ने इसीएल प्रबंधन से बकाया (जमा) रुपए ब्याज सहित वापस करने और गाड़ी खड़ी रहने पर नुकसान की भरपाई की मांग की है, अन्यथा जबरदस्त आंदोलन की चेतावनी दी गई. इस मामले को लेकर इसीएल के उच्च अधिकारी, कोयला मंत्रालय तथा जरूरत पड़ने पर सीबीआई एवं ईडी के पास भी जाकर गुहार लगाने की बात कही गई. बैठक में शिवरतन प्रसाद, मुनी मंडल, सुनील घोष, पिंटू सिंह, जगन्नाथ माजी, संजय पालित आदि मौजूद थे. यह भी पढ़ें: धनबाद:">https://lagatar.in/dhanbad-main-accused-in-tempo-driver-murder-case-arrested-sent-to-jail/">धनबाद:

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