पक्ष में आवाज उठानेवालों को ही बांग्लाभाषी देंगे वोट
Nirsa : झारखंड बांग्ला भाषा उन्नयन समिति की बैठक 7 जुलाई शुक्रवार को निरसा के बिरसिंहपुर दुर्गा मंदिर प्रांगण में हुई. बैठक में कहा गया कि निरसा विधानसभा क्षेत्र के हर स्कूल में बांग्ला भाषा का पठन-पाठन होता था. समिति के संस्थापक बेंगू ठाकुर ने कहा कि झारखंड अलग राज्य बने 23 वर्ष हो गए. राजनीतिक दलों के नेताओं ने राज्य में बांग्ला भाषा को लुप्त करने की कोशिश की है. सभी ने इस समृद्ध भाषा को फुटबॉल समझा और जो भी आया, एक शॉट लगाकर चलते बना. सच्चाई यह भी है कि सभी राजनिति दल जानते हैं कि अगर बांग्ला भाषा-भाषी एक हो गए, तो झारखंड को चलाना आसान नहीं होगा. इसका असर अगले साल लोकसभा व विधानसभा चुनाव में जरूर दिखेगा.
चुनाव से पहले बंगभाषियों ने एकजुट होकर निर्णय लिया है कि शहर से गांव तक बांग्ला भाषा के पक्ष में जागरुकता अभियान चलाया जाए. समिति के प्रखंड अध्यक्ष बबलू दास ने कहा कि बांग्ला भाषा के साथ भेदभाव के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत निरसा से होगी. जो भाषा के पक्ष में आवाज उठाएगा, अगले चुनाव में बांग्ला भाषी26 जातियों के लोग एकजुट होकर उसके पक्ष में वोट देंगें. उन्होंने प्राथमिक व उच्च विद्यालयों में बांग्ला भाषा की पढ़ाई कराने व इसके लिए बांग्ला शिक्षक की नियुक्ति की मांग की. बैठक में कंचन हवलदार, दयामाई दत्ता, पिंकी दत्ता, निभा दत्ता, दीप्ति हवलदार, शकुंतला हवलदार पूर्णिमा दत्ता आदि मौजूद थे.