Dhanbad : वृंदावन की कथावाचिका कृष्णप्रियाजी दो अगस्त को धनबाद आ गईं. कथा के मुख्य यजमान पटवारी परिवार एवं अन्य भक्तों द्वारा स्टेशन पर उनका स्वागत ढोल-नगाड़ों के साथ किया गया. पदाधिकारियों ने शॉल व पुष्प माला के साथ स्वागत किया. शक्ति मंदिर परिसर में 3 से 9 अगस्त तक रोज दोपहर 3:30 से शाम 6:30 बजे तक वह भागवत कथा कहेंगी.
6 वर्ष की आयु से भागवत नाम का प्रचार-प्रसार कर रहीं कृष्णप्रियाजी का जन्म वृंदावन में हुआ. वह बाल्यकाल से ही भक्ति मार्ग पर बढ़ती गई. देश विदेश में 400 से भी अधिक कथा कर चुकीं युवा कथावचिका कृष्णप्रियाजी लाखों लोगों को भक्ति से जोड़ चुकीं हैं. साथ ही “चैन बिहारी आश्रय फाउंडेशन” का संचालन कर रही हैं. फाउंडेशन मुख्यतः गौसेवा को समर्पित है. गौमाता को मानव जीवन का आधार और भारतीय संस्कृति की धरोहर मानने वाली कृष्णप्रियाजी 200 से अधिक लाचार, बीमार गौवंश की सेवा कर रहीं हैं.
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