नालियों का दूषित पानी आ जाता है सड़कों पर
दरअसल झरिया में अधिकतर जगहों पर नालियां अपना अस्तित्व ही खो चुकी हैं. अतिक्रमणकारी दुकानदारों ने नालियों पर कब्जा कर लिया है. हालत यह है कि नालियों में पानी नहीं बहता, उसके ऊपर दुकान सजी हुई है. जब अस्तित्व पर ही खतरा हो तो फिर साफ-सफाई कैसे होगी. महीनों से फंसे कचरों के कारण बरसात में पानी निकलने की राह बंद हो जाती है और नालियों का दूषित पानी सड़कों पर आ जाता है. ऐसे सैकड़ों अवैध मकान हैं, जिनका न कोई नक्शा है और न ही जिला प्रशासन को कोई जानकारी. गांधी रोड, धर्मशाला रोड, लक्ष्मीनिया मोड़, कतरास मोड़, चार नंबर रोड, टैक्सी स्टैंड, बस स्टैंड समेत ऐसी कई जगहें हैं, जहां सरकारी व रैयती जमीन पर दबंग व प्रभावशाली लोगों ने आलीशान मकान व दुकान खड़े कर लिये हैं.लुप्त हुई नालियां, सड़कें भी हुईं संकरी
चार नंबर टैक्सी स्टैंड स्थित चर्चित होटल, उसकी बगल में जांच घर व कई अवैध दुकानों की तस्वीर से ही अनुमान लगाया जा सकता है कि भू माफिया को न तो प्रशासन का ख़ौफ़ है और न ही लिहाज है. स्थानीय लोगों का कहना है कि कभी झरिया की कई सड़कों की चौड़ाई पर्याप्त हुआ करती थी. बड़े वाहन आराम से गुजर जाते थे. मगर अब उन्हीं सड़कों पर दो पहिया वाहन भी मुश्किल से गुजर पाते हैं. दुकानदार पहले नाली व नालों को अस्थाई स्लैब डालकर ढक देते हैं, बाद में टाइल्स मार्बल लगा दिया जाता है. अगर प्रशासन की नजर नहीं पड़ी तो ऐसी जगहों पर आलीशान दुकान या मकान बन जाते हैं.बरसात में सड़क व नाला एक समान
[caption id="attachment_681025" align="aligncenter" width="203"]alt="" width="203" height="300" /> संतोष रवानी[/caption] झरिया नई दुनिया निवासी संतोष रवानी कहते हैं कि झरिया शहर में जलजमाव अब आम बात है. बरसात आते ही सड़क व नाले समान हो जाते हैं. नालियां पूरी तरह लुप्त हो चुकी हैं. धर्मशाला रोड से चार नंबर जानेवाली सड़क के किनारे नालों में बरसात के मौसम में हर रोज कोई न कोई गिर कर चोटिल हो जाता है. प्रशासन को ध्यान देना चाहिए.
नहा कर पूजा करने निकलो तो मिलता है गंदा पानी
[caption id="attachment_681026" align="aligncenter" width="215"]alt="" width="215" height="300" /> गणेश कुमार[/caption] फतेहपुर निवासी गणेश कुमार ने कहा कि नहा कर मंदिर में पूजा करने आया था. किंतु सड़कों पर बहते नालियों के गंदे पानी से सिर्फ तन ही मैला नहीं होता, मन भी उदास हो जाता है. चार नंबर स्थित काली मंदिर की नालियां अक्सर जाम रहती हैं. नगर निगम को लोगों की परेशानी आखिर क्यों नहीं दिखाई देती.
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