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धनबाद: संसार में समस्त दुखों की जड़ है मोह : राजेंद्र जी महाराज

शिवलिंग पूजन व रुद्राभिषेक के छठे दिन सुनाई नारद मोह की कथा

Govindpur:  दिव्य शिव महापुराण कथा एवं सवा लाख पार्थिव शिवलिंग पूजन व रुद्राभिषेक के छठे दिन शुक्रवार 28 जुलाई को फॉरेस्ट रिसोर्ट मे वृंदावन से आए अंतरराष्ट्रीय कथावाचक राजेंद्र जी महाराज ने कहा कि समस्त दुखों की जड़ है मोह. मनुष्य मोह रूपी रात्रि में सो रहा है. संसार में सब कुछ छूट जाएगा. स्थायी कुछ भी नहीं है. फिर भी मोह के कारण कोई भी उसे छोड़ने को तैयार नहीं है. जो हमारा है भी नहीं, हम उसे ही अपना मान कर बैठे हैं. शिवपुराण में कथा आती है कि नारद जी को भी मोह हो गया और भगवान ने दूर करने के लिए बंदर का रूप दे दिया. तब नारद जी का मोह दूर हुआ. विश्वमोहिनी ने भगवान नारायण का वर्णन किया. हम मोह के कारण ही दुखी होते हैं. सांसारिक सुख में हम शांति खोजते हैं, परंतु वहां शांति है ही नहीं, तो क्या मिलेगा. संसार दुखों का घर है. परमात्मा के चरणों में असीम शांति मिलती है, परंतु दुर्भाग्यवश हम उस मार्ग से भटक कर संसार में उलझ जाते हैं. सभी के कल्याण की भावना होनी चाहिए. शास्त्र कहते हैं पगम पवित्रम यदि तीर्थ गमनम, हृदय पवित्रम यदि ब्रह्म ज्ञानम, करम पवित्रम यदि दान पुण्यम, मुखम पवित्रम यदि रामनामम. इसके पूर्व प्रातःकालीन कालीन बेला में चित्रकूट से आए ओम दीक्षित एवं धर्मेंद्र महाराज ने श्रद्धालुओं को ज्योतिर्लिंग की पूजा कराई और 25 हजार शिवलिंग का रुद्राभिषेक किया गया. रुद्राभिषेक करने वालों में नंदकिशोर सांवरिया, रामबाबू अग्रवाल, शंभूनाथ अग्रवाल, सुनील अग्रवाल, सुनील तुलसियान, रविंद्र गोयल, कृष्ण गोपाल अग्रवाल, नंद लाल अग्रवाल, सुनील सरिया, गोविंद अग्रवाल, रुपेश तायल, संजय सिंघल, चंद्रशेखर गुप्ता, ओम प्रकाश बजाज, बजरंग अग्रवाल, हरीश अग्रवाल, प्रथमेश तायल, गोपाल ठक्कर, सुनील सांवरिया, नवीन पोद्दार, नरेश अग्रवाल, आदर्श तायल, प्रथमेश तायल, आनंद मित्तल, मुकेश अग्रवाल आदि शामिल थे. [wpse_comments_template]

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