Dhanbad : विश्व आयुर्वेद परिषद ने 23 अक्टूबर को भगवान धन्वंतरि की जयंती मनाई. इस मौके पर वैद्य संगोष्ठी भी हुई. धनबाद (Dhanbad) के रणधीर वर्मा चौक के समीप गांधी सेवा सदन में कार्यक्रम की भगवान धन्वंतरी की पूजा-अर्चना से हुई. मुख्य अतिथि सांसद पीएन सिंह ने कहा कि आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि ही हैं. आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति आज भी कारगर है. गंभीर और लाइलाज बीमारियों में यह ज्यादा लाभकारी है. इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है. लेकिन जानकारी के अभाव में लोग आयुर्वेद को भूलते जा रहे हैं और एलोपैथ को अपनाते जा रहे हैं.
विधायक राज सिन्हा ने कहा कि समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि की उत्पति हुई थी. उन्हें औषधि के देवता के रूम में पूजा जाता है. केंद्र सरकार आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम चला रही है. व विशिष्ट अतिथि विधायक राज सिन्हा थे. संगोष्ठी में डाबर इंडिया के सेल्स ऑफिसर पंकज जायसवाल, अनूप जायसवाल, झंडू आयुर्वेदिक के सेल्स ऑफिसर प्रिंस सिंह सहित कई आयुर्वेद चिकित्सकों ने भाग लिया.
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