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धनबाद: बांग्ला भाषा को दूसरी राजभाषा का दर्जा देना ही होगा : बबलू दास

डुमरिया गांव हरि मंदिर में बांग्ला भाषा उन्नयन समिति की बैठक संपन्न

Nirsa : झारखंड बांग्ला भाषा समिति की बैठक डुमरिया गांव हरि मंदिर प्रांगण में 31 जुलाई सोमवार को हुई. बैठक की अध्यक्षता बबलू दास ने की. बैठक में केलियासोल प्रखंड के बांग्ला भाषा भाषियों ने कहा कि इस क्षेत्र के सरकारी विद्यालयों में बांग्ला भाषा भाषी छात्र-छात्राएं अपनी मातृभाषा बांग्ला में पढ़ाई करना चाहते हैं. परंतु साजिश के तहत इन बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. वक्ताओं ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में छात्र छात्रों की संख्या में काफी कमी महसूस की जा रही है. उन्होंने सरकार से मांग शिक्षकों की कमी को पूरा करने की मांग की. बैठक की अध्यक्षता कर रहे बबलू दास ने कहा कि झारखंड बनने के पहले सभी सरकारी विद्यालयों में बांग्ला भाषा की पढ़ाई की व्यवस्था थी. अलग राज्य गठन में बांग्ला भाषियों का अहम योगदान है. झारखंडी खतियान भी बांग्ला में लिखा हुआ है. शादी-विवाह, पूजा-पाठ भी बांग्ला पंचांग के अनुसार ही होता है. बावजूद झारखंड में बांग्ला भाषा को दरिकनार किया जा रहा है. इसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. झारखंड में बांग्ला भाषा को दूसरी राजभाषा का दर्जा देना ही होगा. जो भी कुर्बानी देनी पड़े, समिति पीछे नहीं हटेगी. बैठक में 11 अगस्त को धनबाद में खुदीराम बोस के शहादत दिवस को सफल बनाने का आह्वान किया गया. बैठक में समिति के संस्थापक बेंगू ठाकुर, निमाई महतो, पोरेश गोराई, रामदेव मोदक सपन चक्रवर्ती अमिताभ दुबे गणेश गोराई उत्तम दास समेत काफी संख्या में बांग्ला भाषा भाषी मौजूद थे. [wpse_comments_template]

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