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धनबाद: बीबीएमकेयू का कमाल,सात जुलाई से परीक्षा, सिलेबस हो रहा तैयार

आधे-अधूरे सिलेबस से कराई पढ़ाई, सेमेस्टर 1 की परीक्षा भी ले ली

Dhanbad : बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय (बीबीएमकेयू) प्रशासन पर शिक्षा के नाम डिग्री बांटने का आरोप है, जिसे विश्वविद्यालय प्रशासन खुद सही साबित करने पर तुला हुआ है. पहले तो जुलाई 2022 में बिना आधारभूत संरचना के नई शिक्षा नीति के तहत फाइव ईयर यूजी प्रोग्राम शुरू कर दिया. इसके बाद आधे-अधूरे सिलेबस से पढ़ाई कराई और दिसंबर 2022 में सेमेस्टर 1 की परीक्षा भी ले ली गई. अब सात जुलाई से सेकंड सेमेस्टर की परीक्षा शुरू होनेवाली है और दो सेमेस्टर गुजर जाने के बाद विवि प्रशासन सिलेबस को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है.

 मेजर पेपर के 4 व 6 क्रेडिट के बीच उलझन

एनईपी के तहत पहले यूजी में मेजर पेपर छह क्रेडिट का रखा गया था. एक साल के भीतर ही इसे कम कर चार क्रेडिट का कर दिया गया है. अब विश्वविद्यालय चार क्रेडिट के आधार पर नया सिलेबस बनाने की कवायद में जुटा है. सात जुलाई से सेमेस्टर 2 की परीक्षा विद्यार्थी कितने क्रेडिट की देंगे और बाद में उनके बचे हुए दो क्रेडिट का क्या होगा, इस सवाल अनुत्तरित है. अभी तक विवि ने यह भी निर्णय नहीं लिया है कि उनके क्रेडिट को कैसे एडजस्ट किया जाएगा.

  सेमेस्टर 1 में 72 प्रतिशत छात्र हुए थे फेल

बता दें कि बीबीएमकेयू प्रशासन के आधी-अधूरी तैयारी के कारण किसी कॉलेज में 16 वोकेशनल विषयों के शिक्षक बहाल नहीं किये गए थे. ऐसे में विवि ने प्रश्नपत्र कहां सेट कराये और उनका मूल्यांकन कहां कराया, इस पर भी सवाल पैदा हो रहे हैं. विवि की गलती की वजह से 72 प्रतिशत विद्यार्थी कई विषयों में फेल हो गए. विरोध में विद्यार्थियों ने प्रदर्शन भी किया था.

 28 पेपर का सिलेबस, समय मात्र 20 दिन

एक विषय के शिक्षकों को मेजर, जेनरिक, माइनर, मल्टी डिसिप्लिनरी सहित 28 पेपर का सिलेबस बनाने की जिम्मेदारी दी गयी है. 28 पेपर के विषयों को रिसर्च कर उसका सिलेबस बनाने के लिए मात्र 20 दिनों का समय दिया है. इसमें भी सात जुलाई से शिक्षक सेमेस्टर 2 की परीक्षा में व्यस्त हो जाएंगे. शिक्षकों पर कक्षा लेने की जिम्मेदारी भी है. सिलेबस के लिए रिसर्च कर पाना पाएंगे कितना मुश्किल होगा, यह भी सोचने लायक है.

 16 नये वोकेशनल विषयों के न टीचर, न किताब

एईपी के 16 नये विषयों की पढ़ाई शुरू करने से पहले बीबीएमकेयू प्रशासन व कॉलेजों द्वारा ना तो शिक्षक बहाल किए गए, न ही इन विषयों के पुस्तकों व मैटेरियल की उपलब्धता की जानकारी ली गई. बिना किताब, आधे-अधूरे सिलेबस और बिना शिक्षकों के इन विषयों के प्रश्न पत्र सेट भी किए गए और उनका मूल्यांकन भी कराया गया. [wpse_comments_template]

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