विधायक की यात्रा की बगल से अजनबी की तरह से गुजर गए सांसद
Dhanbad : भारतीय जनता पार्टी की धनबाद ईकाई में लगता है सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. गुटबाजी व खेमेबाजी किसी न किसी रूप में सतह पर आ ही जाती है, चाहे वह आजादी का अमृत काल ही क्यों न हो. विगत 13 अगस्त को जिले में तिरंगा यात्रा के दौरान भी यह खेमेबाजी फिर देखने को मिली. एक जगह तिरंगा यात्रा की अगुवाई सांसद पशुपति नाथ सिंह ने की तो दूसरे की विधायक राज सिन्हा ने की. दोनों आयोजन लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर हुए. बरटांड मंडल की तिरंगा यात्रा सांसद के नेतृत्व में बेकार बांध स्थित शहीद चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा के पास से शुरू हुई और नियत मार्गों से जुजरती हुई धनबाद स्टेशन पर समाप्त हुई. इधर विधायक के नेतृत्व में जेपी चौक से पदयात्रा निकली, जो रणधीर वर्मा चौक पर समाप्त हुई. अजनबी की तरह निकल गए सांसद
दिन के लगभग एक बजे विधायक राज सिन्हा की तिरंगा पदयात्रा जेपी चौक, बैंक मोड़ से निकल रही थी. तभी भाजयुमो की तिरंगा यात्रा समाप्त कर वापस लौट रहे सांसद पशुपतिनाथ सिंह वहां से गुजरे. हालांकि उन्होंने उस तिरंगा यात्रा पर नजर तक नहीं डाली और अजनबी की तरह अपने आवास की ओर बढ़ गए. शक्ति प्रदर्शन की भी दिखी होड़
तिरंगा यात्रा के बहाने सांसद और विधायक ने चुनाव पूर्व शक्ति प्रदर्शन का भी एहसास कराया. दोनों नेताओं की यात्रा में अच्छी-खासी भीड़ उमड़ी. हालांकि इस खेमेबाजी को भांपते हुए पार्टी के आम कार्यकर्ता परेशान दिखे. दोनों कार्यक्रमों का समय अलग-अलग होने की वजह से कई कार्यकर्ता सांसद के कार्यक्रम में भाग लेने के बाद विधायक राज सिन्हा की पदयात्रा से भी जुड़े. [wpse_comments_template]
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