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धनबाद: पटरी पर मौत बनकर दौड़ रही है ब्लैक डायमंड व कोलफील्ड एक्सप्रेस

हावड़ा से आने के बाद प्लेटफॉर्म पर रहती है खड़ी, मेंटेनेंस के बगैर खुल जाती है ट्रेन

Dhanbad:  धनबाद-हावड़ा के बीच रोजाना चलने वाली ब्लैक डायमंड व कोलफील्ड एक्सप्रेस इन दिनों रेल पटरी पर मौत बनकर दौड़ रही है. सूत्रों के अनुसार ब्लैक डायमंड एक्सप्रेस हावड़ा से आने के बाद दिन के 11:18 बजे से शाम 4:20 बजे तक धनबाद स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या दो पर खड़ी रहती है. दोपहर में यार्ड के कोचिंग पिट में बगैर मेंटेनेंस के ही ट्रेन को निर्धारित समय पर शाम 4:20 बजे हावड़ा के लिए रवाना कर दिया जाता है. यही हाल कोलफील्ड एक्सप्रेस का है. हावड़ा से धनबाद आने के बाद रात 9:40 बजे से सुबह 5:50 बजे तक प्लेटफॉर्म संख्या चार पर खड़ी रहती है. फिर वहीं से सुबह 5:50 बजे हावड़ा के लिए रवाना हो जाती है. इस ट्रेन का भी मेंटेनेंस यार्ड में नहीं होता है.

 चार दिन बाद होता है मेंटेनेंस

सूत्रों के अनुसार धनबाद से हावड़ा के बीच की दूरी 270 किमी है. एक ट्रेन रोजाना अप-डाउन में 540 किमी दूरी तय करती है. दोनों ट्रेन रोजाना हजारों यात्रियों व लगेज को लेकर 1080 किमी का सफर तय करती है. बावजूद ट्रेन का मेंटेनेंस नहीं होता है. स्टेशन अधीक्षक रत्नेश कुमार का कहना है कि 96 घंटे यानी चार दिनों के बाद ट्रेन का मेंटेनेंस होता है. हावड़ा से धनबाद के बीच चलने वाली जो भी ट्रेन है, उनका मेंटेनेंस 96 घंटे बाद ही होता है.

  ब्रेक ब्लॉक व ट्रॉली में गड़बड़ी हुई तो बेपटरी होने का खतरा

सूत्रों के अनुसार ट्रेन चाहे कोई भी हो. गंतव्य तक चलने के बाद यार्ड में रोजाना मेंटनेंस करने का प्रावधान है, रैक कोचिंग पिट और इंजन को यार्ड में ले जाकर मेंटेनेंस करने का नियम है. ब्रेक समेत ट्रॉली आदि उपकरणों की जांच की जाती है. गड़बड़ी होने पर उसे दुरूस्त किया जाता है. कोई उपकरण खराब हो गया हो  तो बदलकर दूसरा लगाना है. मेंटेनेंस के अभाव में ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो सकती है. इससे जानमाल का काफी नुकसान हो सकता है. रेलवे के अधिकारियों की लापरवाही के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. [wpse_comments_template]

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