मेरे बबलू ने क्या बिगाड़ा था?
दुनिया में सबसे बड़ा दुख क्या है? जवान बेटे का शव पिता के कंधे पर जाना - भारतीय परंपरा में ऐसा ही कहा जाता है. यही दुख झेल रहे हैं शशि भूषण सिंह. उनके मुंह से शब्द कम निकलते हैं, आंखों से आंसू ज्यादा- हर बात पर आंसू. मानो आंखों में समंदर समाया हो. सुबकते हुए कहते हैं- अब देखिए, पांच दिन हो गए. पुलिस कुछ भी पता नहीं लगा पाई. -------- मेरा तो सब चला गया. अब बचा ही क्या? परिवार को सुरक्षा भी नहीं दी. इतना तो बता दो- वे कौन हैं? क्यों किया? मेरे बबलू ने क्या बिगाड़ा था?भरोसा किसने तोड़ा ? पुलिस या ------?
बबलू के बहनोई प्रभु सिंह उस दिन साथ थे. उन्होंने पूरी बात बताई. कैसे, कब, क्या हुआ ? बोले- भैया का मोबाइल भी पुलिस के हाथ नहीं लगा है. अगर मोबाइल मिल जाता, तो कुछ जानकारी मिल सकती थी. बोले- लिखित में सुरक्षा मांगी, अब तक नहीं मिली. अब क्या बोल सकते हैं. घर पर परिजनों का आना-जाना लगा था. कोई आता, तो सब बुक्का फाड़ कर रोते. बड़ा ही गमगीन वातावरण. जहां हर आंख नम थी. दिमाग में शशि भूषण सिंह की बात गूंज़् रही थी- मेरा तो भरोसा ही टूट गया. उनका भरोसा किसने तोड़ा ? पुलिस या ----? यह भी पढ़ें : भीड़">https://lagatar.in/dumka-the-crowd-tied-the-lovers-couple-then-wore-a-garland-of-shoes-and-turned-them-around/">भीड़ने प्रेमी युगल को बांधा, फिर जूते की माला पहनाकर घुमाया [wpse_comments_template]

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