स्वास्थ्य विभाग ने स्कूलों, कॉलेजों में विद्यार्थियों को किया जागरूक
Dhanbad : जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के स्वस्थ मन-स्वस्थ तन अंतर्गत "विश्व आत्महत्या रोकथाम सप्ताह" के उपलक्ष्य में "क्रियेटिव होप थ्रू एक्शन" की थीम पर सिविल सर्जन डॉ सी पी प्रतापन की अध्यक्षता में मंगलवार को जिला एन सीडी कोषांग द्वारा स्कूलों, कॉलेजों तथा कोचिंग संस्थानों में विद्यार्थियों को आत्महत्या से रोकने के लिए जागरुक किया गया. सिविल सर्जन ने बताया कि मुख्य उद्देश्य लोगों को आत्महत्या से रोकने के लिए जागरूक करना है. उन्होंने बताया कि आत्महत्या के पीछे मनोवैज्ञानिक, सामाजिक, आर्थिक, पारिवारिक व व्यक्तिगत कारण हो सकते हैं. ऐसे में लोगों को अपनी गलतियों से सीखते हुए जिंदगी के प्रति संतुलित नजरिया रखना चाहिए तथा सकारात्मक सोच को जीने का जरिया बनाना चाहिए. समस्याओं को डॉक्टर से करें साझा
डॉ मंजू दास ने बताया कि आत्महत्या एक ऐसी समाजिक समस्या है, जिसे लोगों के समर्थन, मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता व इससे जुड़े मुद्दों पर बातचीत के जरिये रोका जा सकता है. यह ऐसी समस्या है, जिसका परिवार व समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है. इसलिए सभी को मिलकर अवसाद ग्रसित लोगों में उम्मीद पैदा कर जागरूक करने की जरूरत है. ऐसे लोग जो आत्मघाती विचारों का अनुभव कर रहे हैं, उन्हें बातचीत के जरिये समझाया जा सकता है. कार्यक्रम में शुभांकर मैत्रा, उमाशंकर मंडल, लालदेव रजक आदि मौजूद थे. [wpse_comments_template]
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