Rajganj - दलदली में ओलचिकी भाषा दिवस के अवसर पर दलदली, धावाचिता,बोलाईटांड़ सहित आस पास के आदिवासी समुदाय के लोगों ने समारोह का आयोजन किया, जिसमें स्कूली बच्चों ने पारंपरिक नृत्य -संगीत से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इस दौरान कविता पाठ भी किया गया. समारोह का उद्घाटन सोनोत संताल समाज के केन्द्रीय सचिव अनिल कुमार टुडू ने किया. उन्होंने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2003 दिसंबर माह में संथाली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया था. उसके बाद प्रतिवर्ष इस समारोह का आयोजन किया जा रहा है. कहा कि जिस तरह आदिवासी समुदाय जल, जंगल और जमीन की रक्षा करने में हमेशा तत्पर रहता है. उसी तरह अपनी संस्कृति और परंपरा को बचाने का दायित्व भी निभाता है. इस कार्य में सभी लोगो को तत्पर रहने की आवश्यकता है. संचालन संजय हेम्ब्रम ने किया. मौके पर मांझी हाड़ाम अरूण टुडू, धावाचिता पंचायत के ग्राम प्रमुख प्रतिनिधि मनसा राम मुर्मू, समिति सदस्य प्रतिनिधि करमचंद सोरेन, जीवन टुडू, भगवान सोरेन, किशोर सोरेन, पीताम्बर सोरेन, अशोक कुमार टुडू,चीकू टुडू,अजय टुडू, प्रेमचंद सोरेन, अयशा, अलिशा, आकांक्षा ज्योति, बिमला, वर्षा,रीतू, प्रतिभा, पूनम,नीलम, सोनम, सोनल, चम्पा, सोनिया, गंगा, गौरी, शिखा, खुशबू, मिष्टी आदि मौजूद थे. यह भी पढ़ें : जामताड़ा">https://lagatar.in/jamtara-two-cyber-criminals-got-01-year-sentence/">जामताड़ा
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धनबाद : राजगंज दलदली में ओलचिकी भाषा दिवस मनाया

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