Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) आजादी की 75 वीं साल गिरह के अवसर पर केन्द्र सरकार ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान शुरू करने के साथ राष्ट्रीय ध्वज संहिता (फ्लैग कोड ऑफ इंडिया) में बदलाव भी कर दिया है. बदलाव के बाद अब राष्ट्रीय ध्वज दिन और रात दोनों समय फहराए जाने की अनुमति रहेगी. पॉलिएस्टर और मशीन से बने राष्ट्रीय ध्वज को भी फहराया जा सकता है. कला, संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग, झारखंड के संयुक्त सचिव ने उपायुक्त को इस आशय का पत्र लिखकर राष्ट्रीय ध्वज संहिता (फ्लैग कोड ऑफ इंडिया) में संशोधन के दिशा निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित करने का आग्रह किया है.
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का प्रदर्शन, फहराना और उपयोग भारतीय झंडा संहिता, 2002 और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के तहत आता है. 20 जुलाई, 2022 को एक आदेश के जरिये भारतीय झंडा संहिता, 2002 में संशोधन किया गया है. भारतीय झंडा संहिता, 2002 के भाग-दो के पैरा 2.2 के खंड (11) को अब इस तरह पढ़ा जाएगा – ‘जहां झंडा खुले में प्रदर्शित किया जाता है या किसी नागरिक के घर पर प्रदर्शित किया जाता है, इसे दिन-रात फहराया जा सकता है.’ इससे पहले, तिरंगे को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की अनुमति थी.
24 घंटे फहराया जा सकता है ध्वज
संशोधन के बाद अब राष्ट्रीय ध्वज को 24 घंटे फहराया जा सकता है. पहले सिर्फ दिन के समय ही तिरंगा फहराया जा सकता था. इसके लिए केंद्र सरकार ने फ्लैग कोड ऑफ इंडिया में कुछ बदलाव किए हैं. ये बदलाव 13 से 15 अगस्त तक चलने वाले ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं. इस अभियान के तहत देशभर में 20 करोड़ घरों में तिरंगा फहराने की योजना है. राष्ट्रीय ध्वज कितना भी बड़ा और कितना भी छोटा हो सकता है. लेकिन तिरंगा हमेशा आयताकार होगा, जिसका अनुपात 3:2 होगा.
अब ये हुआ बदलाव
अब तक हाथ से बुना और काटा हुआ ऊन, कपास या रेशमी खादी से बना राष्ट्रीय ध्वज ही फहराने की इजाजत थी. लेकिन अब मशीन से बना हुआ कपास, ऊन या रेशमी खादी से बना तिरंगा भी फहरा सकते हैं. पॉलिएस्टर से बना तिरंगा भी फहराया जा सकता है. दूसरे बदलाव के तहत अब आम लोग, निजी संगठन या संस्थान दिन और रात तिरंगा फहरा सकते हैं.
इन बातों का रखना होगा ध्यान
झंडे का प्रयोग व्यावसायिक उद्येश्य के लिए नहीं किया जाएगा. किसी व्यक्ति या वस्तु को सलामी देने के लिए झंडे को नहीं झुकाया जाएगा. झंडे का प्रयोग किसी वर्दी या पोशाक के रूप में नहीं किया जाएगा. झंडे को रुमाल, तकियों या किसी अन्य ड्रेस पर नहीं छापा जा सकता है. झंडे का प्रयोग किसी भवन में पर्दा लगाने के लिए नही किया जाएगा. किसी भी प्रकार का विज्ञापन, अधिसूचना, अभिलेख ध्वज पर नहीं लिखा जाना चाहिए. झंडे का इस्तेमाल वाहन, रेलगाड़ी, नाव, वायुयान की छत आदि को ढकने में नहीं किया जाएगा. किसी दूसरे झंडे को भारतीय झंडे के बराबर ऊंचाई या उससे ऊपर नहीं फहराया जाना चाहिए.
यह भी पढ़ें: धनबाद : एसएसएलएनटी कॉलेज की 88 छात्राओं ने कराई आखों की मुफ्त जांच