Dhanbad : एक मरीज की मौत के मामले में चक्रवर्ती नर्सिंग होम को तो क्लीनचिट मिल गई, लेकिन तत्कालीन सिविल सर्जन फंस गए हैं. उस समय के सिविल सर्जन डॉक्टर गोपाल दास को अब पेंशन से बीस प्रतिशत काटने की चेतावनी मिल रही है.
लापरवाही का आरोप और हंगामा
तीन माह की गर्भवती बोकारो की सोनी कुमारी को चक्रवर्ती नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था. तीन दिन तक वहां इलाज चला. उसके बाद नर्सिंग होम के चिकित्सक ने उन्हें दूसरी जगह ले जाने की सलाह दी. सोनी को गंभीर स्थिति में इलाज के लिए बोकारो ले जाया गया, जहां एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां चिकित्सकों ने बताया कि पहले जहां इलाज हुआ है, वहां कुछ गड़बड़ी हुई है. इसीलिए हालत गंभीर है. बाद में रांची के एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई. सोनी कुमारी के परिजनों ने धनबाद के चक्रवर्ती नर्सिंग होम पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया. तत्कालीन सिविल सर्जन ने मामले की जांच की और चक्रवर्ती नर्सिंग होम को क्लीनचिट दे दी. उस क्लीनचिट को चुनौती देते हुए मृतका सोनी कुमारी के परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव से शिकायत की थी.
डॉक्टर गोपाल दास फंस गए
शिकायत पर सिविल सर्जन डॉक्टर गोपाल दास से दो बार स्पष्टीकरण मांगा गया. उनके स्पष्टीकरण से विभाग संतुष्ट नहीं था. इस बीच चक्रवर्ती नर्सिंग होम को दो माह के लिए बंद करने का आदेश हुआ. दो माह बाद क्लीनचिट मिलने पर नर्सिंग होम खोल दिया गया. अब सिविल सर्जन डॉ गोपाल दास से एक बार फिर 20 जुलाई तक जवाब मांगा गया है. जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर उनके पेंशन की राशि से 20 प्रतिशत की कटौती सात वर्षों तक की जाएगी. क्षेत्रीय उप निदेशक [ स्वास्थ्य सेवाएं उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल, हजारीबाग ] को 10 मार्च को तत्कालीन सिविल सर्जन के दिए गए स्पष्टीकरण को स्वीकार योग्य नहीं पाया गया. सरकारी कार्यों में लापरवाही बरतने, तथ्यों एवं साक्षयों को छिपाकर नजर अंदाज कर चक्रवर्ती नसिंग होम को क्लीनचिट देने का आरोप सही पाया गया है. तत्कालीन सिविल सर्जन से 20 जुलाई तक स्पष्टीकरण निश्चित रूप से उपलब्ध कराने को कहा गया है. उनसे पूछा गया है कि क्यों नहीं उक्त मामले में झारखंड पेंशन नियमावली के तहत उनकी पेंशन की राशि से 20 प्रतिशत की कटौती सात वर्षों तक की जाए? निर्धारित अवधि में जवाब अप्राप्त रहने पर समझा जाएगा कि उन्हें कुछ नहीं कहना है. तदनुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
बोकारो के दुग्धा निवासी थी सोनी
बोकारो जिले के दुग्धा निवासी बबलू सिंह की पत्नी सोनी कुमारी को चक्रवर्ती नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान सोनी कुमारी की तबीयत बिगड़ गई. 11 जून 2019 को उन्हें बीजीएच बोकारो रेफर कर दिया गया. वहां से 12 जून को रांची मेडिका रेफर कराया गया. लेकिन, 24 जून 2019 को मेडिका में सोनी की मौत हो गई थी. सोनी के पति बबलू सिंह का आरोप है कि चक्रवर्ती नर्सिंग होम में इलाज के दौरान लापरवाही हुई, जिससे पत्नी की तबीयत बिगड़ी और मौत हुई. मौत के बाद परिजनों ने न्याय की गुहार लगाई थी. इसके बाद जिलास्तर पर दो बार अलग-अलग कमेटी बनाई गई, लेकिन इसमें डॉ चक्रवर्ती को दोषी नहीं पाया गया था. इसके बाद परिजनों ने सरकार से गुहार लगाई. सरकार ने जांच के लिए राज्य स्तरीय कमेटी गठित की थी. 9 जुलाई 2021 को राज्यस्तरीय समिति जांच के लिए धनबाद पहुंची थी. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी. जिसके बाद कार्रवाई शुरू की गई .
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