Dhanbad : क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत शहर में शुरू होने वाली सीएनजी और इलेक्ट्रिक बस सेवा डीपीआर के पेंच में उलझ कर रह गई है. दो साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अभी तक डीपीआर फाइनल नहीं हुआ है. नगर निगम ने तीसरी बार संशोधन कर फाइल स्वीकृति के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग भेजी है. निगम के अधिकारियों ने बताया कि स्वीकृति के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू होगी. ऐसे में इस साल सीएनजी बस सेवा शुरू होने की संभावना कम दिख रही. परिचालन में डेढ़ से दो साल का समय लग सकता है.
2 साल पहले 108 सीएनजी व 12 इलेक्ट्रिक बसों की बनी थी योजना
देश के काफी प्रदूषित शहरो की सूची में शामिल धनबाद में वायु प्रदूषण कम करने के लिए नगर निगम में दो साल पहले 108 सीएनजी और 12 इलेक्ट्रिक बसें शुरू उतारने की योजना बनी थी. 929 करोड़ रुपया अगले 8 साल में इस प्रोजेक्ट पर खर्च किया जाना था. बाद में इसे घटा कर 548 करोड़ रुपया कर दिया गया. इसके बाद दो बार सर्वे हुआ. जिसमें 29 रूट पर बस चलाने का निर्णय लिया गया. उसके बाद डीपीआर का खेल शुरू हुआ. पहली बार रूट निर्धारण सही नहीं पाया गया, दूसरी बार 15 रूट का ही डीपीआर बनाकर विभाग को भेज दिया गया. जिसे विभाग ने रिजेक्ट कर दिया. तीसरी बार संशोधित डीपीआर भेजा गया है. डीपीआर बनाने का काम निगम की पसंदीदा निजी एजेंसी क्रेडिबल कर रही है.
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यहां भी हैं कई पेंच
नई बस सेवा सिर्फ शहर तक ही सीमित नहीं रहेगी. यह जिला मुख्यालय को ग्रामीण क्षेत्रों से भी जोड़ेगी. पहले फेज में 40 बसें शुरू करने की योजना है. लेकिन अभी तक बस टर्मिनल की व्यवस्था नहीं हुई है. धनबाद का पुराना बस डिपो तो है, लेकिन व्यवस्थित नहीं है. इसके अलावा 350 बस स्टॉपेज और चार्चिंग स्टेशन का निर्माण होना भी बाकी है. शहर में अभी तक मात्र 5 सीएनजी स्टेशन हैं. वाहनों के वर्कशाप के लिए भी स्थान चिह्नित नहीं है.
विभाग से नहीं मिला कोई निर्देश : अपर नगर आयुक्त
अपर नगर आयुक्त महेश्वर महतो ने बताया कि निगम ने दोबारा डीपीआर बनाकर नगर विकास एवं आवास विभाग को भेज दिया है. विभाग से उस पर अभी तक कोई निर्देश नहीं आया है. स्वीकृति मिलने के बाद ही सीएनजी और इलेक्ट्रिक बस से शुरू करने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी.
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