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Nirsa : निरसा (Nirsa) वरीय अधिकारियों के लाख प्रयास के बाद भी कालूबाथन ओपी क्षेत्र में कोयले का अवैध कारोबार बंद नहीं हो रहा है. कोयला चोरों के खिलाफ मंगलवार 6 सितंबर को पुलिस की कार्रवाई से बहुत कुछ साफ हो गया है. मंगलवार को कालूबाथन ओपी क्षेत्र के केथारडीह जंगल में बीसीसीएल प्रबंधन, वन विभाग और सीआईएसफ टीम अवैध मुहाने की डोजरिंग करने पहुंची. टीम ने देखा कि अवैध मुहाने के पास बोरे में भरा कोयला रखा है. अवैध खनन भी चल रहा था. हालांकि टीम को देख खनन में लगे लोग भाग निकले. वहां पड़ी कई जोड़ी चप्पल एवं पानी की बोतलें अवैध खनन की गवाही दे रही थी. डोजरिंग की जानकारी पुलिस को पहले ही वन विभाग के अधिकारी दे चुके थे. बावजूद पुलिस नहीं पहुंची. लगातार फोन किये जाने के बावजूद पुलिस इधर उधर की बातें कर टालती रही. अंतत: वन विभाग कोयले को जब्त कर साथ ले गया. कई घंटे बाद खानापूर्ति के लिए कालूबथान पुलिस के दो जवान आए. पुलिस के इस रवैये से वन विभाग, बीसीसीएल और सीआईएसएफ अधिकारी नाराज दिखे. नतीजतन अवैध मुहाने की भराई नहीं हो सकी.
पुलिस की कार्यशैली पर उठा सवाल
अवैध खनन रोकने में पुलिस की कार्यशैली पर लोग सवाल उठाते रहे हैं. लोगों की मानें तो स्थानीय पुलिस वरीय अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकने के लिए कभी कभार छापेमारी करती है. सच्चाई यह है कि पुलिस के संरक्षण में ही कोयले का अवैध कारोबार फल फूल रहा है. केथारडीह अवैध खनन स्थल पर पुलिस का नहीं पहुंचना उनकी कार्यशैली पर उंगली उठाने के लिए काफी है.
अवैध धंधेबाजों को पहले ही मिल जाती है सूचना
कोयले के अवैध कारोबार में लिप्त एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि छापेमारी के पूर्व ही स्थानीय पुलिस से उन्हें सूचना मिल जाती है. स्थानीय पुलिस कहती है कि कुछ टन कोयला जब्त करना उनकी मजबूरी है. न किसी की गिरफ्तारी व न नामजद प्राथमिकी, पुलिस की यह कार्यशैली सवाल तो खड़े करती ही है.
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