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धनबाद : हर साल हजारों डोभा का निर्माण, फिर भी खेती के लिए मानसून पर निर्भर

लक्ष्य का 50 फ़ीसदी भी डोभा का नहीं हुआ निर्माण, टुंडी अव्वल प्रखंड और बलियापुर फिसड्डी
Dhanbad : भू-जल स्तर को बनाए रखने और खेती-किसानी में सिचाई सुविधा बढ़ाने के लिए झारखंड सरकार जल संरक्षण के नाम पर हर वर्ष करोड़ों रुपए की योजनाएं शुरु करती है. मनरेगा के तहत करोड़ों की लागत से जिले में डोभा का निर्माण किया जाता है. लेकिन बिंडबना है कि जल संरक्षण की एक भी योजना जिले में सफल नहीं है.  करोड़ों खर्च होने के बाद भी जिले के किसान आज भी मानसून पर हीं निर्भर है. धनबाद जिले में डोभा बनाने की सरकार की योजना की गति जिले में धीमी है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में जिले के दस प्रखंड़ों में महज 1700 डोभा का निर्माण पूरा हुआ हैं. जिले में 50 फीसदी से भी कम डोभा का निर्माण किया गया है. हालांकि वित्तीय वर्ष 2023-24 में डोभा निर्माण में तेजी आई है. पिछले 4 महीने में 1242 डोभा को स्वीकृति प्रदान की गई है. जिसमें 292 पूरा कर लिया गया है. जबकि 950 डोभा निर्माण कार्य प्रगति में है. चालू वित्तीय वर्ष में जिले के टुंडी प्रखंड में सबसे अधिक 322 तथा बलियापुर में सबसे कम 17 डोभा निर्माण किया जा रहा है. जिले के दस प्रखंडों में कहीं भी 50 फीसदी काम पूरा नहीं किया जा सका है.

प्रखंडवार डोभा निर्माण की योजना

प्रखंड का नाम   कुल स्वीकृत डोभा   शुरू हुआ पूरा हुआ
  पूर्वी टुंडी      71      42      29
   निरसा     179     116      63
  बलियापुर      17      12      05
   धनबाद      19      15      04
   बाघमारा     126      99      27
  कलियासोल     134      111      23
   तोपचांची      87      75      12
   गोविंदपुर     269     214      55
   एग्यारकुंड      18      15      03
    टुंडी     322     251      71

   एक डोभा निर्माण में 10-12 हजार रुपए होते हैं खर्च

एक डोभा 10 गुणा 10 फीट आकार निर्माण में 10-12 हजार रुपए की राशि खर्च होती है. यह राज्य भर में मॉडल इस्टीमेट है. डोभा का निर्माण मनरेगा की राशि से किया जाता है.

                 छोटे किसानों को होगा लाभ

डीआरडीए निदेशक मुमताज अली अहमद ने बताया कि डोभा निर्माण का उद्देश्य वर्षा जल का संचय कर भू-जल स्तर को बनाए रखने के लिए किया जाता है. इस बार 4 महीने में ही धनबाद में 1242 डोभा निर्माण किया जा रहा है. खेती-किसानी में खास कर छोटे किसानों के लिए यह उपयोगी है. सब्जी की खेती करने वाले किसानों को इसका सबसे अधिक लाभ मिलना है. यह">https://lagatar.in/dhanbad-main-function-of-independence-day-will-be-held-at-randhir-verma-stadium-parade-rehearsal-from-9-to-13-august/">यह

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