Dhanbad : कोरोना के कारण पिछले दो वर्ष से लगातार कई प्रकार की पाबंदियों ने पर्व-त्योहार की रौनक छीन रखी थी. वर्ष 2022 के शुरू में कोरोना की रफ्तार पर ब्रेक लगते ही अब जीवन शैली धीरे धीरे पटरी पर लौट रही है. मुस्लिम समुदाय के पवित्र माह रमजान की पहली शुक्रवार 8 अप्रैल को मस्जिदों में नमाजियों की भीड़ उमड़ पड़ी. कोरोना काल के बाद पहली बार सामूहिक रूप से नमाज अदा करने का अवसर मिलने की खुशी साफ झलक रही थी लोगों ने बताया कि अल्लाह का शुक्र है कोरोना जैसी महामारी का प्रकोप अब नहीं के बराबर है. जुमे की नमाज के बाद स्टेशन रोड मजार के समीप मस्जिद के इमाम ने माह ए रमजान पर रोशनी डालते हुए बताया कि इस महीने को तीन हिस्सों में बांटा गया है. पहला रहमत, दूसरा मगफिरत और तीसरा जहन्नम (नरक) से आजादी का होता है. रोजा का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति के अंदर परहेजगारी पैदा करना है. रोजे की हालत में व्यक्ति हर गलत काम से परहेज करता है. इसी तरह 30 दिनों तक रोजा रखने के बाद इंसान गलत से निकल कर अच्छे काम में लग जाता है. उन्होंने कहा कि हमलोग दुआ कर रहे हैं कि कोरोना काल जैसा दिन कभी देखना न पड़े. अल्लाह पाक कोरोना जैसी महामारी से महफूज रखे. : यह भी पढ़ें : धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-7-zonal-magistrates-and-police-officers-appointed-in-ramnavmi/">धनबाद
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धनबाद : रमजान के पहले जुमे पर मस्जिदों में उमड़ी नमाजियों की भीड़

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