Ranjit kumar singh
Dhanbad : पुटकी थाना क्षेत्र अंतर्गत अलगढिया पंचायत के बलिहारी गांव में सन्नाटा छाया हुआ है. दो दिन पहले गांव की बेटी पार्वती असमय काल के गाल में समा गई. पूछने पर भी कोई कुछ कहने को तैयार नहीं. हालांकि चेहरे पर गुस्सा साफ नजर आता है. परिजन भी खामोश हैं. आंखों में पानी है, जो जब-तब किसी को देखते ही आंसू बन कर बह निकलता है. पार्वती का भाई गुस्से से भरा बैठा है. पूछने पर बिफर पड़ा-क्यों बताएं आपको? जो हुआ सो हुआ, देख ही रहे हैं. पढ़ी-लिखी बहन दुनिया छोड़ गई.
बीसीसीएल के निलंबित कर्मी दिवंगत पार्वती के पिता एक कोने में मायूस बैठे हैं. पूछने पर पहले सूनी आंखों से टटोलते हैं, सवाल आंखों में ही तैर रहा है-कौन हैं, कहां से आए हैं, क्या जानना चाहते हैं. यह जान कर मीडिया वाला है, चुप लगा देते हैं. तभी कोई कहता है-अखबारवाला है, सब कुछ छपेगा तो फफक कर कहते हैं- क्या बताएं, 27 कठ्ठा जमीन के लिए बीसीसीएल अधिकारियों ने मेरी बेटी की जान ले ली.
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अब सचमुच हो गए फकीरचंद
बहुत जोर डालने पर विस्तार से बताने को तैयार होते हैं. पहले नाम ही फकीरचंद था, अब सचमुच फकीर हो गए हैं. कहा कि उनके पूर्वजों ने 15 कठ्ठा जमीन बीसीसीएल को दी थी. परंतु बीसीसीएल के वरीय अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने 42 कठ्ठा जमीन खरीदी है, जो सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि बीसीसीएल के पुटकी बलिहारी एरिया के महाप्रबंधक पी के मिश्रा और कार्मिक प्रबंधक प्रभात कुमार 42 कट्ठा जमीन पर दावा करते हुए उनकी जमीन पर सड़क बना रहे थे. विरोध करने पर बीसीसीएल के अधिकारियों ने 26 एक्ट के तहत उन्हें सस्पेंड कर दिया. पूछने पर फकीरचंद कहते हैं 26 एक्ट का मतलब सरकारी काम में बाधा डालना. हालांकि ऐसा कुछ नहीं किया, जिससे बीसीसीएल को किसी प्रकार की दिक्कत हो.
पिता का दुख देख बेटी गई थी अधिकारियों के पास
उन्होंने कहा कि लगातार 3 महीना ऑफिस का चक्कर लगाया, ज्वायनिंग नहीं मिली, जिससे घर की आर्थिक स्थिति खराब होने लगी. 30 वर्षीय पुत्री पार्वती को मेरा दुख देखा नहीं गया. 21 मार्च को वह महाप्रबंधक पी के मिश्रा और कार्मिक प्रबंधक प्रभात कुमार से मिलने पहुंची. कुछ ही घंटे बाद कार्यालय से सूचना मिली कि पार्वती का शव महिला बाथरूम में फंदे से झूल रहा है. जब कार्यालय पहुंचा तो देखा कि अधिकारी कार्यालय को बंद कर फरार हो चुके थे. पार्वती के शव देखने से लगा कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि उसकी हत्या कर सव बाथरूम में टांग दिया गया है. खबर जंगल में आग की तरह फैल गई. गांव के लोगों का हुजूम कार्यालय के समक्ष पहुंच गया.
जिन्होंने देखा, बता रहे यह हत्या है
सभी एक स्वर से कह रहे थे कि यह हत्या है. लिखित शिकायत पुटकी थाना में की गई है. महाप्रबंधक पी के मिश्रा और कार्मिक प्रबंधक प्रभात कुमार को अभियुक्त बनाया गया है. फकीरचंद कहते हैं कि हत्या का लिखित आवेदन देने के 3 दिन बाद भी आरोपियों पर कार्रवाई नही हुई है. आज 23 मार्च को भी शव के साथ धरना पर बैठे इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं. कहा कि न तो उनके पास धन है और ना ही जन. शायद इसीलिए जिला प्रशासन द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई और न ही बीसीसीएल के वरीय अधिकारी इस निर्मम घटना पर पिघल रहे हैं.
Edited by Anand Anal
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