पार्थिव शिवलिंग पूजन व रुद्राभिषेक के अंतिम दिन बताया भागवत व गीता में अंतर
Govindpur : दिव्य शिव महापुराण कथा, सवा लाख पार्थिव शिवलिंग पूजन व रुद्राभिषेक के अंतिम दिन शनिवार 29 जुलाई को फॉरेस्ट रिसोर्ट मे वृंदावन के अंतरराष्ट्रीय कथावाचक राजेंद्र जी महाराज ने कहा कि समस्त संसार में स्वास्थ्य और शिक्षा में समानता का अधिकार होना चाहिए. शिक्षा पद्धति में खामियों के कारण युवक भटका हुआ है. वह ऊंची शिक्षा तो हासिल कर रहा है, परंतु उसमें नैतिकता कहीं नहीं रह गई है. यही कारण है कि वह अपने जन्मदाता की सेवा नहीं कर विदेश में एकांत में रहना पसंद करता है. भारतीय परंपरा में परिवार में पुत्र का होना जरूरी माना गया है. बुढ़ापे में पुत्र लाठी बनेगा, यही सोच कर भारतीय अपने बच्चों के पीछे सारी शक्ति लगा देते हैं, अच्छी शिक्षा देते हैं, जिंदगी की कमाई उस पर खर्च कर देते हैं. परंतु बुढ़ापे में वह पुत्र अपने पिता-माता के साथ नहीं रहता. भटके हुए युवा वर्ग को हमें सुधारने की जरूरत है. उन्हें अपने माता-पिता से जुड़ाव एवं लगाव कराने की जरूरत है. कथा व्यास ने कहा कि भागवत प्रेम का स्रोत है और गीता ज्ञान का. भागवत मरना सिखाती है, तो रामचरितमानस जीना. मृत्यु और जीवन के बीच जो साधना है, उसे शिव कथा कहते हैं. उन्होंने कहा कि वेद पुरुष भगवान की भक्ति को पूरा ब्रह्मांड गाता है. पूरे संसार में ऐसा कोई नहीं है, जिसके अंतर्मन में भगवान का वास नहीं है. उन्होंने कहा कि भगवान शिव की आराधना कर हम विभिन्न सांसारिक दुखों से छुटकारा पा सकते हैं. 7 दिनों में सात द्वादश ज्योतिर्लिंग एवं कुल 1 लाख 42 551 पार्थिव शिवलिंग का पूजन किया गया. भंडारा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद पाया. इस आयोजन में शिव भक्त परिवार के रामबाबू अग्रवाल शंभूनाथ अग्रवाल रामप्रसाद कटेसरिया महेंद्र अग्रवाल नंदकिशोर सांवरिया जवाहर प्रसाद गुप्ता राजकुमार तायल सुनील अग्रवाल कमल अग्रवाल नंदलाल अग्रवाल सुनील सरिया बलराम अग्रवाल गोविंद अग्रवाल अनिल अग्रवाल बजरंग अग्रवाल पवन अग्रवाल रुपेश तायल साधना देवरालिया रेणु दुदानी सुनीता बंसल पिंकी अग्रवाल विजेता अग्रवाल किरण गोयनका अंजू सरिया स्नेहा अग्रवाल आदि शामिल थे. [wpse_comments_template]
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