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धनबाद: डीवीसी प्रबंधन पेंशनरों के खिलाफ काला कानून लाने से बाज आए: अरूप चटर्जी

लगातार भूख हड़ताल की चेतावनी दी, साजिश सफल नहीं होने देने का एलान

Maithon :  डीवीसी प्रबंधन द्वारा लाये गये सीपीपीसी यानी सेंट्रल पेंशन प्रोसेसिंग सेल एवं डीवीसी को निजीकरण के रास्ते पर ले जाने हेतु एक्ट में संशोधन की साजिश के विरोध में डीवीसी के पेंशनर एवं कर्मचारियों ने 7 जुलाई शुक्रवार को मैथन के प्रशासनिक भवन के समक्ष अनशन किया. इस मौके पर पूर्व विधायक अरूप चटर्जी भी पहुंचे. उन्होंने पेंशनरों की मांगों का समर्थन करते हुए डीवीसी प्रबंधन को चेताया कि वह पेंशनरों के खिलाफ काला कानून लाना बंद करे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार साजिश के तहत डीवीसी को भी निजीकरण की ओर धकेल रही है, जो कभी पूरा होने नहीं दिया जाएगा. फोरम के संयोजक जीवन आइच ने सभा को संबोधित करते हुए डीवीसी प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि पेंशन की वर्तमान व्यवस्था में छेड़छाड़ की गई तो डीवीसी मुख्यालय के समक्ष लगातार भूख हड़ताल की जाएगी. अनशन में डीवीसी श्रमिक यूनियन, स्टाफ एसोसिएशन, कर्मचारी संघ और हिन्द मजदूर किसान यूनियन सहित पेंशनर के सदस्य बड़ी संख्या में शामिल थे. अनशन की शुरुआत पर डीवीसी के निर्माण में शहीद मजदूरों को श्रद्धांजलि दी गई. सभा की अध्यक्षता संतोष घोष ने की. सभा को सभी यूनियनों के महासचिव अभिजीत राय, तापस कुन्डू, सुब्रत मिश्रा एवं सुदीप मुखर्जी ने संबोधित किया. भूख हड़ताल में पेंशनर एसोसिएशन के राजेन्द्र यादव, बादल विश्वकर्मा, जी राम, संतोष घोष, सुबल मंडल, गौरीशंकर राम, सहित चारों यूनियन के मैथन,चन्द्रपूरा, बोकारो, पंचेत, हजारीबाग के शाखा सचिव तथा 50 सदस्य बैठे थे. [wpse_comments_template]

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