Dhanbad : टाटा स्टील झरिया डिवीजन में जुलाई में आयोजित एथिक्स मंथ का सफल समापन हुआ. वन कोड, वन कमिटमेंट थीम पर आधारित इस पहल का उद्देश्य कर्मचारियों में नैतिक आचरण, पारदर्शिता और विश्वास की भावना को और अधिक मजबूत करना था. शुक्रवार को सिजुआ ग्रुप के चीफ विकास कुमार के नेतृत्व में प्रेरणादायक उद्घाटन सत्र के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई. इस दौरान एथिक्स प्रतिज्ञा के पाठ ने टाटा स्टील की नैतिक नीतियों के प्रति समर्पण और संगठनात्मक पारदर्शिता की भावना को और सशक्त किया.
पूरे माह विभिन्न जागरूकता एवं संवादात्मक गतिविधियों का आयोजन किया गया. जामाडोबा ग्रुप के चीफ सुब्रतो दास के मार्गदर्शन में हुए जनसंचार सत्रों और राउंड टेबल चर्चाओं ने कर्मचारियों को POSH, एंटी-ब्राइबरी एंड करप्शन (ABAC), एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग (AML) और गिफ्ट एवं हॉस्पिटैलिटी नीतियों की गहन समझ प्रदान की. डिपार्टमेंटल एथिक्स कोऑर्डिनेटर कौशिक गायेन के नेतृत्व में पोस्टर और स्लोगन प्रतियोगिता, एथिकल रील मेकिंग और रंगोली जैसी रचनात्मक गतिविधियाँ आयोजित की गईं .जिनमें कर्मचारियों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखने को मिली.
31 जुलाई को पीटीआई कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित समापन समारोह में झरिया डिवीजन के जनरल मैनेजर संजय राजोरिया मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे. उन्होंने नैतिक मूल्यों के प्रति कर्मचारियों की प्रतिबद्धता की सराहना की. उन्होंने इस बात पर विशेष बल दिया कि टाटा स्टील की कार्यसंस्कृति नैतिकता को केवल नीति नहीं बल्कि दैनिक अभ्यास और नेतृत्व का मूल आधार मानती है. समारोह में 37 प्रतिभागियों को उल्लेखनीय भागीदारी और नैतिक आचरण के लिए सम्मानित किया गया.
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