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धनबाद : एसएनएमएमसीएच में नेत्रदान नहीं है आसान

Dhanbad : एसएनएमएमसीएच को जिले के सबसे बड़े अस्पताल का दर्जा प्राप्त है. यहां चिकित्सक से लेकर अधीक्षक तक अक्सर कहते रहते हैं कि अस्पताल में संसाधानों की कोई कमी नहीं है. अस्पताल की शोहरत ऐसी कि दू-दूर से लोग यहां इलाज कराने आते हैं. मगर इन दावों की पोल उस समय खुल गई, जब कुछ लोग अपने स्वजन की मौत पर उसके नेत्रदान के लिए मिन्नतें करते रहे और अस्पताल प्रबंधन अपनी असमर्थता का रोना रोता रहा.

     नेत्रदान के लिए समाजसेवी ने किया केमिकल का प्रबंध

धनबाद के केंदुआ इलाके की रहने वाली 28 वर्षीय लड़की राजनंदिनी को न्यूरो से संबंधित बीमारी थी. उसे इलाज के लिए 31 जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वह काफी दिनों से बीमार थी और परिजनों को भी उसके बचने की संभावना कम दिख रही थी. अंततः उसकी मौत हो गई, तो परिजनों ने उसका नेत्रदान करना चाहा. एसएनएमएमसीएच प्रबंधन से आग्रह किया, लेकिन अस्पताल प्रबंधन का कहना था कि नेत्रदान के लिए जो केमिकल चाहिए, वह उसके पास है ही नहीं. परिजन गुहार लगाते रहे, मगर अस्पताल अपनी असमर्थता बताने के अलावा कुछ नहीं कर सका. अंततः परिजनों ने समाजसेवी अंकित राजगढ़िया से मदद मांगी.

     रांची की डॉक्टर भारती कश्यप ने की मदद

राजगढ़िया ने पद्मश्री सम्मान से सम्मानित रांची की डॉक्टर भारती कश्यप से संपर्क साधा. उन्होंने केमिकल उपलब्ध कराने का वादा किया.  रांची के एक निजी अस्पताल द्वारा केमिकल उपलब्ध कराने के आश्वासन पर परिजनों ने खुद एंबुलेंस की व्यवस्था की और केमिकल लेकर धनबाद के एसएनएमएमसीएच तक पहुंचाया. इसके बाद नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी की गई. 4 फरवरी को सुबह लगभग 7 बजे लड़की की मौत हुई थी. भाग-दौड़ में काफी समय बीत गया. अंततः परिजनों की कोशिश कामयाब हुई.

      अधीक्षक ने नहीं दी कोई जानकारी

समाजसेवी अंकित राजगढ़िया ने कहा कि इस अस्पताल में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. उन्हें खुद अपने मामा का नेत्रदान कराने के लिए आसनसोल से केमिकल लाकर देना पड़ा था. अस्पताल में इस तरह की समस्या मिलती रहती है. इस मामले में एसएनएमएमसीएच के अधीक्षक अरुण कुमार बरनवाल का कहना है कि दिसंबर माह में केमिकल एक्सपायर हो चुका है. विभाग को इस संबंध में पत्र भेजा गया है कि नहीं, यह जानकारी देने में भी वह सक्षम नहीं दिखे. यह भी पढ़ें : धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-bahadur-singh-lost-his-lifes-earnings-in-the-affair-of-santosh-mahto/">धनबाद

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