Search

धनबाद: हड़ताल का पांचवां दिन, अब तक 30 की मौत

Dhanbad : जिले के सबसे बड़े अस्पताल शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में विगत 5 दिनों में 30 मरीज अपनी जान गंवा चुके हैं. 560 बेड के इस अस्पताल में कार्यरत 425 ठेका मजदूरों के हड़ताल पर जाने के बाद से चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है. कई विभागों को बंद कर दिया गया है. नये मरीजों का एडमिशन भी नहीं लिया जा रहा है. पहले से इलाज करा रहे ज्यादातर मरीज घरों को लौट के हैं. अस्पताल के ज्यादातर बेड खाली हो गए हैं. फिलहाल आईसीयू, सर्जरी, इमरजेंसी, गायनी, ऑर्थो सहित अन्य विभाग में लगभग 350 मरीज भर्ती हैं, जिनका इलाज कुछ डॉक्टरों के भरोसे हो रहा है.

 केशव गुप्ता भी चढ़ गए हड़ताल की भेंट

गोविंदपुर के विलेज रोड के 35 वर्षीय केशव कुमार गुप्ता को 22 मई को दोपहर 3 बजे एसएनएमएमसीएच में भर्ती कराया गया. लेकिन कर्मियों की कमी के कारण उनका इलाज रात 3 बजे शुरू हुआ. अंततः दूसरे दिन मंगलवार 23 मई की दोपहर रोते बिलखते परिजनों छोड़ खुद दुनिया को छोड़ गए.

  रोज ब रोज हो रही है मौत

छटनी का विरोध करते हुए आउटसोर्स के 425 कर्मी विगत 19 मई से हड़ताल पर हैं. तब से अस्पताल में इलाज के अभाव में मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. 19 मई को 4 मौत 20 मई को 8 मौत 21 मई को 5 मौते 22 मई को 10 मौत 23 मई को 3 मौत

        अपनों को खोने के डर से विकल्प की तलाश

[caption id="attachment_646105" align="aligncenter" width="225"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/05/niji-asptal-225x300.jpeg"

alt="" width="225" height="300" /> मरीज को निजी अस्पताल ले जाते परिजन[/caption] आउटसोर्स कर्मियों की हड़ताल मंगलवार 23 मई को 5 वें दिन भी जारी रही. इधर अपनों के खोने के डर से परिजन बेहतर विकल्प की तलाश में जुट गए हैं. कुछ अब सदर अस्पताल की ओर भी रुख कर रहे हैं. पिछले 1 सप्ताह से किडनी की बीमारी से जूझ रही मरीज के परिजन सौमिक विश्वास का कहना है कि पत्नी की जिंदगी बचाने के लिए उन्हें अब निजी अस्पताल जाना होगा. वरना इलाज के बगैर ही वह मर जाएगी.

  सदर अस्पताल पर बढ़ा लोड

एसएनएमएमसीएच में चिकित्सा सेवा बाधित होने के कारण ज्यादातर मरीज अब सदर अस्पताल का रुख कर रहे हैं. सदर अस्पताल में जहां पहले प्रतिदिन औसतन 5 से 7 प्रसूता महिलाओं की डिलीवरी होती थी, वहां अब बढ़ कर 12 से 15 हो गयी है. अन्य मरीज भी सदर अस्पताल पहुच रहे हैं. सिविल सर्जन आलोक विश्वकर्मा ने सदर अस्पताल डायलिसिस विभाग को भी रात्रि सेवा देने की बात कही है, ताकि मरीजों को परेशानी से बचाया जा सके.

 निजी अस्पताल व दलाल काट रहे चांदी

आउटसोर्सिंग कर्मियों की हड़ताल का सबसे ज्यादा फायदा अस्पताल में घूम रहे निजी दलाल उठा रहे हैं. मरीज के परिजन बेहतर विकल्प तलाश रहे हैं. इधर दलाल उन्हें बहला फुसला कर निजी अस्पताल में भर्ती करा रहे हैं, जहां से उन्हें मोटी कमाई हाथ लग रही है. दलालों के साथ निजी अस्पताल भी मौके का फायदा उठा कर चांदी काटने में जुटे हुए हैं. [wpse_comments_template]

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp