तपिश के साथ ही उठने लगीं लपटें
गर्मी की तपिश बढ़ने के साथ ही जिले के जंगलों में आग की लपटें भी उठने लगी हैं. यह सिलसिला शाम होने के साथ ही शुरू हो जाता है. धनबाद जिले के अमूमन सभी जंगलों में ऐसा देखा जा रहा है. सुदूरवर्ती टुंडी, तोपचांची, गंगापुर आदि क्षेत्रों के जंगलों में हर रोज आग लग रही है. बताते चलें कि जंगलों के आसपास रहने वाले ग्रामीणों की कमाई का मुख्य साधन जंगल की लकड़ी व महुआ के फूल हैं. इसी से उनके परिवार की रोटी चलती है. ग्रमीणों ने बताया कि पेट की आग बुझाने के लिए जंगल में आग लगाना उनकी मजबूरी है.आग पर रोक लगाने में वन विभाग विफल
जंगलों में हर साल लगने वाली आग पर रोक लगाने में वन विभाग पूरी तरह विफल है. विभाग का कहना है कि आग पर रोक लगाने के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया जाएगा. इसके साथ ही महुआ के पेड़ों को संख्याबद्ध किया जाएगा. इससे आग की स्थिति का पता चल सकेगा. अधिकारियों ने बताया कि वन समितियों को जागरुक किया जा रहा है, ताकि जंगल में आग लगने पर तुरंत काबू किया जा सके. Edited by Anand Anal यह">https://lagatar.in/wp-admin/post.php?post=273586&action=edit">यहभी पढ़ें : धनबाद : बाघमारा के महुदा मोड़ पर मनिहारी दुकान में चोरी [wpse_comments_template]

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