Dhanbad : जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय रजनीकांत पाठक की अदालत ने बुधवार को तीन वर्ष पुराने हत्याकांड की सुनवाई करते हुए आरोपी रियाज अंसारी उर्फ रियाज गद्दी को गैर इरादतन हत्या के आरोप में चार वर्ष कैद की सजा सुनाई है. मंगलवार को अदालत ने उसे दोषी करार दिया था. आरोपी को तत्काल न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया था. उसके खिलाफ मृत सिकंदर अंसारी की पत्नी रुकसाना खातून ने झरिया थाना में 14 सितंबर 2020 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी. आरोपी झरिया थाना क्षेत्र के फुलारी बाग इंदिरा चौक का रहने वाला बताया जाता है.
प्राथमिकी के अनुसार 14 सितंबर 2020 को सिकंदर अंसारी नशे की हालत में था व बागान से सब्जी काट कर घर लौट रहा था. रास्ते में उसका विवाद पड़ोसी रियाज अंसारी से हो गया. रियाज ने सिकंदर अंसारी को जमीन पर पटक दिया तथा लात घूसा से पिटाई की, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. बाद में उसे इलाज हेतु पीएमसीएच ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई थी. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अदालत में 19 अक्टूबर 2020 को आरोप पत्र दाखिल किया. अभियोजन ने कुल 7 गवाहों की गवाही कराई थी.
दहेज हत्या मामले में पति, जेठ व ससुर बरी
धनबाद : दहेज हत्या के छह वर्ष पुराने मामले मे आज धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने आरोपी बरडुभी पुटकी निवासी बच्चन सिंह(पति), धरम सिंह उर्फ करण सिंह (जेठ), रणजीत सिंह (ससुर) को संदेह का लाभ देते हुए बाइज्जत बरी कर दिया है. बचाव पक्ष की ओर से लीगल एड डिफेंस काउंसिल के डिप्टी चीफ अजय कुमार भट्ट ने पैरवी की.
प्राथमिकी लाल सिंह की शिकायत पर पुटकी थाने में दर्ज की गई थी. प्राथमिकी के मुताबिक लक्ष्मी देवी की शादी बच्चन सिंह के साथ वर्ष 16 मे हुई थी. शादी के बाद उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा. आरोप था कि लक्ष्मी देवी को आरोपियों ने दहेज के लिए मारपीट कर घर से निकाल दिया था. आरोप था कि हत्या से पंद्रह दिन पहले आरोपी लक्ष्मी देवी को उसके मायके से विदा कराकर लाए थे. तीन जून 17 की रात लक्ष्मी देवी की फांसी लगाकर हत्या कर दी गई और शव को अस्पताल में रखकर भाग गए थे. अनुसंधान के बाद पुलिस ने 4 अगस्त 17 को आरोप पत्र दायर किया था. अपर लोक अभियोजक अवधेश शर्मा ने सात गवाहों का परीक्षण कराया था.
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